चने की खेती: सही किस्म और बुवाई का समय जानें
चने की खेती के लिए उपयुक्त किस्मों का चयन
Gram Farming, नई दिल्ली: सितंबर के पहले पखवाड़े में किसान चने की अगेती किस्मों की बुवाई के लिए तैयार होने लगते हैं। चना रबी की एक महत्वपूर्ण दलहनी फसल है, लेकिन कई किसान सही किस्म का चयन करने में संकोच करते हैं।
यदि आप इस रबी सीजन में चने की खेती करने की सोच रहे हैं और किस्मों के चयन को लेकर चिंतित हैं, तो हम आपको एक उन्नत किस्म के बारे में बताएंगे, जो आपको अच्छे लाभ दिला सकती है। यदि आप चने की खेती के लिए उपयुक्त बीज की तलाश में हैं, तो बंगाल ग्राम बीजीडी 111-1 का बीज ऑनलाइन मंगवा सकते हैं।
बीज ऑनलाइन ऑर्डर करें
किसान अब तेजी से दलहनी फसलों की खेती कर रहे हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है। इस कारण से, किसान बड़े पैमाने पर चने की खेती कर रहे हैं। किसानों की सुविधा के लिए, राष्ट्रीय बीज निगम ऑनलाइन चने की अगेती किस्म का बीज उपलब्ध करा रहा है। आप इसे एनएससी की वेबसाइट पर जाकर ऑर्डर कर सकते हैं।
किस्म की विशेषताएँ और मूल्य
बंगाल ग्राम बीजीडी 111-1 एक देसी किस्म है, जो केवल 95 दिनों में तैयार हो जाती है। इस किस्म के पौधे की ऊँचाई दो फीट से कम होती है और इसमें पाला पड़ने की संभावना कम होती है। इसकी पैदावार प्रति हेक्टेयर 22 से 25 क्विंटल तक होती है।
इस किस्म की खेती मुख्य रूप से बंगाल और कर्नाटक में की जाती है। बीज की कीमत की बात करें तो, 5 किलो का पैकेट वर्तमान में 15% छूट के साथ केवल 550 रुपये में उपलब्ध है। इसे खरीदकर आप चने की खेती कर सकते हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
बुवाई का सही समय
रबी सीजन में चने की बुवाई सामान्यतः 20 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच होती है, लेकिन अगेती किस्मों की बुवाई सितंबर में भी की जा सकती है। चने के खेत में 15 टन गोबर की खाद या 5 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट मिलाना चाहिए। इसके अलावा, अच्छी पैदावार के लिए प्रति हेक्टेयर 20 किलो नाइट्रोजन और 40 किलो फास्फोरस मिलाना आवश्यक है। इसके बाद खेतों की अच्छी तरह जुताई करके चने की बुवाई करें।