तेलुगु फिल्म 'मिराई': जानें इसके 5 दिलचस्प पहलू
तेलुगु फिल्म 'मिराई' के बारे में 5 रोचक तथ्य
बॉलीवुड से लेकर दक्षिण भारतीय सिनेमा तक, जब किसी फिल्म को पैन इंडिया का टैग मिलता है, तो उसका बजट भी आमतौर पर 500 से 1000 करोड़ के बीच होता है। हालांकि, बड़े बजट की फिल्मों के निर्माण में कई बार कहानी और प्लॉट को नजरअंदाज किया जाता है। पिछले एक साल में, छोटे बजट की फिल्मों ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया है, जैसे कि 'स्त्री 2' और 'मुंज्या', जिनका बजट 100 करोड़ तक था। इस साल, तेलुगु फिल्म 'मिराई' ने भी दर्शकों की सराहना बटोरी है, और इसका बजट 300 से 500 करोड़ नहीं है।
तेजा सज्जा की यह फिल्म 12 सितंबर को रिलीज हुई थी और इसे दर्शकों ने सोशल मीडिया पर खूब सराहा। कार्तिक गट्टमनेनी द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने पहले दो दिनों में 27.5 करोड़ का कारोबार किया। 'मिराई' एक माइथोलॉजिकल साइंस फिक्शन फिल्म है, जो दर्शकों को अपनी कहानी से जोड़ती है।
फिल्म का बजट कम होने के बावजूद, इसकी कहानी और वीएफएक्स शानदार हैं। इसमें सम्राट अशोक के काल की कहानी को दर्शाया गया है, जो पौराणिक कथाओं पर आधारित है। फिल्म में भगवान, ग्रंथ, शक्ति और अन्य तत्वों का समावेश है।
इस फिल्म में एक्शन, सस्पेंस और साइंस फिक्शन का अनूठा मिश्रण है। इसे थिएटर में देखना एक अद्भुत अनुभव है, जिसमें अच्छाई और बुराई, इंसान और भगवान, काला जादू आदि का समावेश है।
फिल्म में वीएफएक्स और एनीमेशन का बेहतरीन उपयोग किया गया है, जो इसे युवा दर्शकों के लिए आकर्षक बनाता है। टाइम ट्रैवल पर आधारित कहानी को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
फिल्म की कहानी एक साधारण बच्चे की घरेलू जिंदगी और भावनाओं पर आधारित है, जो इसे खास बनाती है। यह बचपन, परिवार और रिश्तों की याद दिलाती है।
फिल्म में एक्शन को इस तरह से प्रस्तुत किया गया है कि दर्शक डरें नहीं, बल्कि कहानी के अनुरूप हो। इसके अलावा, डबिंग का भी खास ध्यान रखा गया है, जिससे फिल्म की प्रस्तुति और भी प्रभावशाली बनती है।