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धनिया की खेती: अधिक पैदावार के लिए सही विधियाँ

धनिया की खेती एक महत्वपूर्ण कृषि प्रक्रिया है जो सही विधियों के माध्यम से अधिक पैदावार सुनिश्चित कर सकती है। इस लेख में, धनिया की खेती के लिए उपयुक्त समय, भूमि, बीज चयन, जल प्रबंधन और रोग नियंत्रण के उपायों पर चर्चा की गई है। जानें कि कैसे आप अपनी धनिया की फसल को सफल बना सकते हैं और अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
 

धनिया में विटामिन सी की प्रचुरता


धनिया एक वार्षिक जड़ी-बूटी है जो रसोई में मसाले के रूप में उपयोग की जाती है। इसके बीज, तने और पत्ते विभिन्न व्यंजनों को सजाने और स्वाद बढ़ाने के लिए काम आते हैं। धनिया के पत्तों में विटामिन सी की भरपूर मात्रा होती है, और घरेलू नुस्खों में इसे औषधीय गुणों के लिए भी प्रयोग किया जाता है। यह पेट की समस्याओं, मौसमी बुखार, उल्टी, खांसी और त्वचा रोगों के उपचार में सहायक है।


भारत में धनिया की सबसे अधिक खेती होती है, विशेषकर राजस्थान में। मध्य प्रदेश, असम और गुजरात में भी इसकी खेती की जाती है।


धनिया बोने का सही समय और मौसम

धनिया की खेती के लिए अक्टूबर से दिसंबर का समय सबसे उपयुक्त होता है। इस फसल के लिए 20-25 डिग्री सेल्सियस का तापमान आदर्श है। यह कम पानी और हल्की धूप में अच्छी तरह बढ़ती है।


धनिया की खेती के लिए भूमि

हल्की दोमट या बलुई मिट्टी धनिया की खेती के लिए सबसे उपयुक्त होती है। मिट्टी का पीएच स्तर 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए। बुवाई से पहले खेत की अच्छी तरह जुताई करें और इसे खरपतवार से मुक्त रखें।


धनिया के बीज का चुनाव और उपचार

उच्च गुणवत्ता और प्रमाणित बीजों का चयन करें। बुवाई से पहले बीजों को 24 घंटे पानी में भिगोने से अंकुरण में तेजी आती है। बीजों को फफूंदरोधी दवा जैसे थायरम से उपचारित करें।


धनिया कितने दिन में उगता है?

धनिया के बीज आमतौर पर 7-10 दिन में अंकुरित होते हैं, और फसल को तैयार होने में 90-120 दिन का समय लगता है।


जल प्रबंधन

बीज बोने के बाद हल्की सिंचाई करें। इसके बाद हर 7-10 दिन पर सिंचाई की आवश्यकता होती है।


खाद और उर्वरक

नव्यकोष जैविक खाद का उपयोग करें, जो धनिया के पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करेगी।


धनिया बुवाई की विधि

धनिया के बीजों को छिटकाव या कतार में बो सकते हैं। कतारों के बीच 20-25 सेंटीमीटर की दूरी रखें और बीजों को 2-3 सेंटीमीटर गहराई पर बोएं।


धनिया की खेती में रोग और कीट नियंत्रण

धनिया की फसल में पत्ती झुलसा, झुलसा रोग, और पाउडरी मिल्ड्यू रोग हो सकते हैं। इनसे बचाव के लिए नीम का तेल या जैविक कीटनाशक का उपयोग करें।


धनिया की कटाई और पैदावार

धनिया की कटाई सही समय पर करना आवश्यक है। बुवाई के 30-40 दिन बाद पत्तियां काटी जा सकती हैं।


धनिया की पैदावार

एक हेक्टेयर भूमि से 10-15 क्विंटल धनिया के बीज प्राप्त किए जा सकते हैं, जबकि पत्तियों की फसल से 20-30 क्विंटल पत्तियां मिल सकती हैं।