रिफाइंड तेल के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव
रिफाइंड तेल का उपयोग आमतौर पर खाना पकाने में किया जाता है, लेकिन इसके स्वास्थ्य पर कई हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं। यह मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है और त्वचा की समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। इसके बजाय, पारंपरिक तेलों का उपयोग करना अधिक फायदेमंद हो सकता है। जानें रिफाइंड तेल के दुष्प्रभाव और स्वस्थ विकल्पों के बारे में।
Aug 8, 2025, 11:16 IST
रिफाइंड तेल का उपयोग और इसके दुष्प्रभाव
रिफाइंड तेल का अत्यधिक उपयोग: रिफाइंड तेल का प्रयोग आमतौर पर पूड़ी और पराठे बनाने में किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह तेल स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक हो सकता है? आइए जानते हैं इसके दुष्प्रभावों के बारे में।
- रिफाइंड तेल का अधिक सेवन दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, और इसके अत्यधिक उपयोग से मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है।
- यह तेल कई रासायनिक प्रक्रियाओं से गुजरता है, जिसमें साबुन का उपयोग भी शामिल होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
- सिंगल रिफाइनिंग में छह से सात रसायनों का उपयोग होता है, जबकि डबल रिफाइनिंग में 12 से 13 रसायनों का प्रयोग किया जाता है, जो सभी जहरीले तत्वों का निर्माण करते हैं।
- इन रसायनों के नियमित सेवन से त्वचा में सूखापन और चमक की कमी हो सकती है।
- रिफाइंड तेल के बजाय, सरसों का तेल, नारियल का तेल, और घी जैसे पारंपरिक तेलों का उपयोग करना बेहतर है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं।
- रिफाइंड तेल का अधिक सेवन हृदय स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकता है और मोटापे को बढ़ावा दे सकता है। यह शरीर में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 का संतुलन बिगाड़ता है, जिससे विभिन्न बीमारियों का खतरा बढ़ता है।