2025 में दिवाली: सही तिथि और पूजन विधि
2025 में दिवाली की तिथि को लेकर लोगों में भ्रम है। सही तारीख 20 अक्टूबर है, जब शाम को लक्ष्मी-गणेश का पूजन होगा। जानें इस दिन का महत्व, पूजन विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में। दिवाली केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि परंपरा और आस्था का प्रतीक है।
Oct 18, 2025, 15:49 IST
दिवाली की तिथि और महत्व
साल 2025 में दिवाली की तिथि को लेकर लोगों में कुछ भ्रम है। पंचांग के अनुसार, दिवाली 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन शाम को लक्ष्मी और गणेश का पूजन किया जाएगा। अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर 2025 को दोपहर 03:44 बजे से होगी। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, लक्ष्मी पूजन को प्रदोष काल में अमावस्या पर करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
दिवाली का सांस्कृतिक महत्व
भारत में दीपावली केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह परंपरा, भावना और आस्था का प्रतीक है। इस अवसर पर हर घर दीपों की रोशनी से जगमगाता है, और मां लक्ष्मी का स्वागत सुख-समृद्धि की कामना के साथ किया जाता है।
लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, सूर्यास्त के लगभग 2 घंटे बाद का समय प्रदोष काल कहलाता है। इस समय को दिन और रात के संधि काल के समान माना जाता है। इस दौरान वातावरण में दिव्य ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है, जिससे इस समय की गई पूजा अत्यंत फलदायी होती है।
लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त: शाम 07:08 बजे से रात 08:18 बजे तक
प्रदोष काल का समय: शाम 05:46 बजे से रात 08:18 बजे तक
पूजन विधि
पूजन विधि
इस दिन सुबह जल्दी स्नान करने के बाद पूरे घर की सफाई करें। फिर घर और पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें। एक लकड़ी की चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। चावल की ढेरी पर घी का दीपक जलाएं और एक तांबे या मिट्टी के कलश में सुपारी, जल, सिक्का, हल्दी डालकर आम के पत्तों से ढकें।
इसके बाद मां लक्ष्मी को खील-बताशे, मौसमी फल, गन्ना और मिठाई का भोग अर्पित करें। सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें और फिर मां लक्ष्मी की वैदिक मंत्रों के साथ आरती करें। पूजा में हुई भूल के लिए क्षमा मांगें और अंत में घर के हर कोने में दीपक जलाएं।