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90 वर्षीय महिला की चमत्कारिक वापसी: अंतिम संस्कार से पहले जीवित हुईं

उत्तर प्रदेश के झांसी में एक 90 वर्षीय महिला, माया देवी, को मृत घोषित करने के बाद अचानक जीवित हो गईं। जब उनके अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी, तभी गंगाजल छिड़कने पर उन्होंने सांसें लेना शुरू किया। इस घटना ने सभी को चौंका दिया और इसे चमत्कार मान लिया गया। हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि यह एक चिकित्सा स्थिति है जिसे 'सर्कुलेटरी शॉक' कहा जाता है। जानें इस अद्भुत घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
 

चमत्कारिक घटना झांसी में

झांसी: उत्तर प्रदेश के झांसी में एक अद्भुत घटना सामने आई है, जिसे लोग 'चमत्कार' मान रहे हैं। यहां एक 90 वर्षीय महिला, माया देवी, को मृत घोषित करने के बाद जब उनके परिवार ने अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू की, तभी अचानक उनकी सांसें लौट आईं और उन्होंने आंखें खोलकर बातचीत करना शुरू कर दिया। इस घटना ने पहले तो सभी को चौंका दिया, लेकिन बाद में इसे चमत्कार मानकर पूजा-पाठ शुरू कर दिया गया।


यह घटना झांसी के सीपरी बाजार थाना क्षेत्र के भोजला गांव में हुई। माया देवी शुक्रवार सुबह लगभग 10 बजे अचेत हो गईं। परिवार के सदस्यों के अनुसार, उनकी सांसें बंद हो गई थीं और शरीर पूरी तरह ठंडा हो गया था। परिवार ने पास के एक कंपाउंडर को बुलाया, जिसने नब्ज जांचने के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।


इस खबर से घर में हड़कंप मच गया। रिश्तेदारों और दोस्तों को सूचित किया गया और अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर दी गईं। माया देवी के शव को जमीन पर रखा गया और अगरबत्ती जलाई गई।


करीब ढाई घंटे बाद, जब अंतिम संस्कार की एक रस्म के तहत माया देवी के शरीर पर गंगाजल छिड़का गया, तो अचानक उनके शरीर में हरकत हुई और सांसें चलने लगीं। उन्होंने आंखें खोलीं और बोलने लगीं। यह देखकर वहां मौजूद सैकड़ों लोग पहले तो चौंक गए, लेकिन फिर खुशी से झूम उठे और इसे ईश्वर का चमत्कार मान लिया।


हालांकि, परिवार इसे चमत्कार मान रहा है, लेकिन डॉक्टरों की राय इससे भिन्न है। एक स्थानीय डॉक्टर ने बताया कि यह कोई चमत्कार नहीं, बल्कि एक चिकित्सा स्थिति है जिसे 'सर्कुलेटरी शॉक' कहा जाता है।


डॉक्टर के अनुसार, इस स्थिति में शरीर के अंगों को पर्याप्त रक्त और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता, जिससे वे काम करना बंद कर देते हैं। व्यक्ति सुस्त हो जाता है, शरीर में कोई हरकत नहीं होती और सांसें भी धीमी हो जाती हैं, जिससे वह मृत प्रतीत होता है। जब ऐसे व्यक्ति को कोई झटका लगता है, जैसे ठंडा पानी छिड़कना, तो सर्कुलेशन फिर से शुरू हो सकता है और वह सामान्य हो जाता है। किसी का मरकर जीवित होना असंभव है।