Teej Festival 2025: Discover the 7 Unique Types of Teej Celebrated in India
Teej Festival: A Celebration of Women's Strength
Types of Teej: Teej 2025: Discover the 7 Unique Types of Teej Celebrated in India नई दिल्ली: हिंदू धर्म में तीज का त्योहार महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। यह पर्व न केवल विवाहित महिलाओं के लिए उनके पतियों की लंबी उम्र की कामना का अवसर है, बल्कि कुंवारी कन्याएं भी भगवान शिव जैसा पति पाने के लिए इस व्रत का पालन करती हैं।
क्या आप जानते हैं कि तीज केवल एक प्रकार का पर्व नहीं है? हां, तीज के सात विभिन्न रूप हैं, और प्रत्येक का अपना विशेष महत्व है। आइए जानते हैं 2025 में मनाई जाने वाली इन सात तीजों के बारे में और उनके अद्वितीय रीति-रिवाजों के बारे में।
सात अलग-अलग तीज और उनके रंग
1. हरियाली तीज
सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है। इस दिन विवाहित और कुंवारी महिलाएं व्रत करती हैं। हरियाली तीज का मुख्य आकर्षण झूले और हरे रंग के कपड़े होते हैं। महिलाएं इस दिन गीत गाकर और उत्साह से त्योहार मनाती हैं।
2. कजरी तीज
भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की तृतीया को कजरी तीज मनाई जाती है। इस दिन महिलाएं उपवास रखती हैं और रात में चांद और नीम के पेड़ की पूजा करती हैं। कजरी गीत गाना और मिट्टी से बनी गौरी-शंकर की मूर्ति की पूजा इस त्योहार की विशेषता है।
3. हरतालिका तीज
भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज धूमधाम से मनाई जाती है। यह व्रत विवाहित और कुंवारी दोनों महिलाएं रखती हैं, ताकि उन्हें शिव जैसा पति मिले। इस दिन निर्जला व्रत रखा जाता है, जो इसे और भी खास बनाता है।
4. आखा तीज
अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के साथ-साथ दान-पुण्य और पितरों को तर्पण किया जाता है। यह दिन शुभ मुहूर्त के लिए प्रसिद्ध है और हर कार्य के लिए स्वयंसिद्ध माना जाता है।
5. गणगौर तृतीया
चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को गणगौर तृतीया विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में मनाई जाती है। इस दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं, ताकि उनके वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे।
6. रंभा तीज
ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को रंभा तीज का त्योहार मनाया जाता है। यह व्रत सौभाग्य और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाता है। विवाहित महिलाएं इस दिन अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं।
7. वराह तीज
भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को वराह तीज या वराह जयंती मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने नील वराह, आदि वराह और श्वेत वराह के रूप में अवतार लिया था। इस दिन भगवान वराह ने भूदेवी को हिरण्याक्ष के चंगुल से मुक्त कराया था।