अग्रोहा धाम मेले की तैयारी में जुटे डा. राजकुमार गोयल
श्रद्धालुओं से मेले में भाग लेने की अपील
- श्रद्धालुओं को सात अक्टूबर को ज्यादा से ज्यादा मेले में पहुंचने का किया आह्वान
जींद। आगामी सात अक्टूबर को अग्रोहा धाम में आयोजित होने वाले ऐतिहासिक मेले के निमंत्रण के लिए प्रदेश प्रवक्ता और अग्रवाल समाज के अध्यक्ष डा. राजकुमार गोयल विभिन्न कस्बों और मंडियों का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में मेले में शामिल हों। इसी क्रम में उन्होंने जुलाना मंडी का दौरा किया।
जुलाना मंडी में गोयल का दौरा
इस अवसर पर जुलाना इकाई के प्रधान पवन गर्ग, महासचिव राहुल तायल, संयोजक तुलसी राम सिंगला, सावर गर्ग, सोनू जैन, रामधन जैन, पवन बंसल आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। गोयल ने यहां कई दुकानों पर जाकर अग्रोहा धाम मेले के बारे में अपने विचार साझा किए। पुरानी अनाज मंडी में व्यापारी सतनारायण बंसल, नरेंद्र बंसल, नीरज बंसल के प्रतिष्ठानों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हर साल की तरह इस वर्ष भी शरद पूर्णिमा के अवसर पर सात अक्टूबर को अग्रोहा धाम में राष्ट्रीय मेला आयोजित किया जाएगा।
समाज की एकता और सांस्कृतिक धरोहर का महापर्व
इस मेले में हरियाणा और आसपास के राज्यों से लाखों श्रद्धालु शामिल होंगे। यह मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि समाज की एकता, सेवा और सांस्कृतिक धरोहर का महापर्व भी है। अग्रोहा धाम के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग की देखरेख में होने वाले इस भव्य मेले में महा ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी, भजन गायक कन्हैया मित्तल, अग्रवाल समाज के राष्ट्रीय नेता सुभाष चंद्रा जैसी कई प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल होंगी। गोयल ने मेले की रूपरेखा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मेले की शुरुआत सुबह शक्ति सरोवर स्नान से होगी।
समाज सेवा की प्रेरणा देने का अवसर
इसके बाद भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें हजारों महिलाएं, पुरुष और बच्चे भाग लेंगे। इसके बाद छप्पन भोग, विशाल भंडारा और ध्वजारोहण का कार्यक्रम होगा। दोपहर में राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें समाज और राष्ट्रहित पर गहन चर्चा होगी। इस सम्मेलन में समाजहित में कार्य करने वाली विशिष्ट प्रतिभाओं का सम्मान भी किया जाएगा। गोयल ने कहा कि अग्रोहा धाम देश का पांचवां धाम है, जो करोड़ों देशवासियों की आस्था का केंद्र है।
युवाओं को संस्कृति से जोड़ने का अवसर
हर साल शरद पूर्णिमा के उपलक्ष्य में लगने वाला यह मेला युवा पीढ़ी को संस्कृति से जोड़ने और समाज सेवा की प्रेरणा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि वे धर्म, संस्कृति और समाज की इस महान परंपरा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएं और 42वें वार्षिक मेले में भाग लेकर ऐतिहासिक सफलता प्रदान करें। इस अवसर पर जुलाना वासियों ने विश्वास दिलाया कि वे अधिक से अधिक संख्या में मेले में पहुंचेंगे।