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अमेरिकी व्लॉगर का दिल छू लेने वाला वीडियो, भारतीय मां ने खिलाया दाल-चावल

सोशल मीडिया पर एक भावुक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक अमेरिकी व्लॉगर को एक भारतीय मां द्वारा दाल-चावल खिलाया जा रहा है। यह दृश्य न केवल सांस्कृतिक गर्मजोशी को दर्शाता है, बल्कि 'अतिथि देवो भव' की भावना को भी जीवंत करता है। डस्टिन शेवेरियर ने इस अनुभव को साझा किया है, जो उनके लिए एक खास याद बन गया। वीडियो ने यूजर्स के दिलों को छू लिया है, जिन्होंने अपने पुराने अनुभव साझा किए हैं। यह वीडियो भारतीय संस्कृति की संवेदनशीलता और अपनापन का जीता-जागता उदाहरण है।
 

अमेरिकी व्लॉगर का भावुक अनुभव

अमेरिकी व्लॉगर का वायरल वीडियो: सोशल मीडिया पर एक भावुक करने वाला वीडियो तेजी से फैल रहा है, जिसमें एक अमेरिकी व्लॉगर को एक भारतीय मां दाल-चावल खिलाते हुए दिखा रही हैं। यह दृश्य न केवल सांस्कृतिक गर्मजोशी को दर्शाता है, बल्कि 'अतिथि देवो भव' की भावना को भी जीवंत करता है।


यह वीडियो अमेरिका के व्लॉगर डस्टिन शेवेरियर द्वारा इंस्टाग्राम पर साझा किया गया है। वियतनाम में रहने वाले डस्टिन जब भारत की यात्रा पर आए, तो उन्हें एक ऐसा अनुभव मिला जो उनकी जिंदगी का एक खास पल बन गया। वीडियो में एक भारतीय महिला, जो संभवतः उनके किसी मित्र की मां हैं, उन्हें अपने हाथों से प्रेमपूर्वक दाल-चावल खिलाते हुए नजर आ रही हैं।


'मां मेरे लिए खाना मिक्स कर रही हैं…'

डस्टिन का अनुभव:


वीडियो में डस्टिन मुस्कुराते हुए कहते हैं, 'मां मेरे लिए खाना मिक्स कर रही हैं ताकि मैं इसे सही तरीके से खा सकूं।' उनके पोस्ट की कैप्शन भी दिल को छू लेने वाली है – 'Indian Mom Feeds Me Like A Baby' यानी 'भारतीय मां ने मुझे बच्चे की तरह खाना खिलाया'।


यूजर्स की भावनाएं

भावनाओं की लहर:


इस वीडियो ने इंटरनेट पर भावनाओं की लहर पैदा कर दी है। कई यूजर्स ने अपने पुराने अनुभव साझा किए। एक यूजर ने लिखा, 'इसने मुझे मेरे कॉलेज के दिनों की याद दिला दी, जब मेरे दोस्त की मां भी मुझे ऐसे ही खिलाती थीं। शुद्ध प्यार था वो।' एक अन्य ने कहा, 'सिर्फ भारत में ही आपको मेहमान नहीं, परिवार का हिस्सा माना जाता है।'


भारतीय संस्कृति का परिचय

संवेदनशीलता और अपनापन:


यह वीडियो केवल एक विदेशी को खाना खिलाने का दृश्य नहीं है, बल्कि यह भारत की संवेदनशीलता, अपनापन और सांस्कृतिक गर्मजोशी का जीवंत उदाहरण है। यहां 'मां' केवल खून से नहीं, भाव से भी होती है – और हर मां, चाहे अपनी हो या किसी और की, स्नेह से भरपूर होती है।