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अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान बड़ा हादसा टला

अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान एक हाथी के भागने से भगदड़ मच गई, लेकिन वन विभाग ने समय पर कार्रवाई कर एक बड़े हादसे को टाल दिया। यात्रा जमालपुर मंदिर से शुरू होकर गुंडिचा मंदिर की ओर बढ़ी, जिसमें 18 हाथी और कई सांस्कृतिक रथ शामिल थे। जानें इस धार्मिक आयोजन की खासियतें और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बारे में।
 

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में हाथी के भागने से मची भगदड़

अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान एक गंभीर घटना से बचाव किया गया। शुक्रवार की सुबह लगभग 10 बजे, 18 हाथियों के समूह में से एक हाथी अचानक भाग निकला, जिससे भगदड़ मच गई। जैसे ही हाथी ने भीड़ से दूरी बनाई, लोग इधर-उधर भागने लगे। हालांकि, वन विभाग ने तत्परता से हाथी को काबू में कर लिया और उसे रथ यात्रा से दूर ले जाने में सफल रहे, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।


यह रथ यात्रा जमालपुर स्थित मंदिर से प्रारंभ हुई और शाम तक वापस लौटने की योजना है। अहमदाबाद में जगन्नाथ यात्रा सुबह 7 बजे शुरू हुई। सुबह 5 से 6 बजे के बीच भगवान की तीनों मूर्तियों को रथ पर स्थापित किया गया। रथ के आगे सोने की झाड़ू रखी गई है। सामान्य अनुष्ठान के बाद, सुबह 9:30 बजे भगवान को मंदिर से बाहर निकालने की रस्में आरंभ हुईं। पूजा के बाद बलभद्र, बहन सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ रथ में विराजमान होंगे।


पुरी राजघराने के गजपति दिव्य सिंह देव सोने की झाड़ू से रथ के आगे का हिस्सा साफ करके रथ यात्रा की शुरुआत करेंगे। यह रथ गुंडिचा मंदिर की ओर ले जाया जाएगा, जो लगभग 3 किमी दूर है। इसे जगन्नाथ के मामा का स्थान माना जाता है। आज की रथ यात्रा में 18 हाथी, भारतीय संस्कृति से जुड़े 101 रथ, 30 अखाड़े, 18 भजन मंडलियां और 3 बैंड शामिल हैं। इस यात्रा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है।