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आंध्र प्रदेश की अन्नदाता सुखीभव योजना: किसानों को मिलेगी 20,000 रुपये की सहायता

आंध्र प्रदेश सरकार ने 'अन्नदाता सुखीभव योजना' के तहत 47 लाख किसानों को 20,000 रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है। इस योजना के अंतर्गत, किसानों को प्रति वर्ष तीन किस्तों में यह सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस योजना का शुभारंभ करते हुए 3,174 करोड़ रुपये की पहल की जानकारी दी। योजना का उद्देश्य किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। जानें इस योजना के बारे में और क्या-क्या लाभ मिलेंगे।
 

आंध्र प्रदेश सरकार की नई पहल


आंध्र प्रदेश की अन्नदाता सुखीभव योजना: एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में आंध्र प्रदेश सरकार ने शनिवार को 'अन्नदाता सुखीभव' योजना के तहत 47 लाख किसानों को 7,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की। इस योजना के अंतर्गत, योग्य किसानों को प्रति वर्ष तीन किस्तों में कुल 20,000 रुपये की सहायता मिलेगी।


3,174 करोड़ रुपये की योजना का शुभारंभ

चंद्रबाबू नायडू सरकार द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में, मुख्यमंत्री ने 3,174 करोड़ रुपये की इस योजना का शुभारंभ करते हुए प्रतीकात्मक रूप से दो किसानों को चेक सौंपे। उन्होंने दारसी विधानसभा क्षेत्र के लिए 29 करोड़ रुपये का विशेष चेक भी प्रदान किया।


पहली किस्त का वितरण

मुख्यमंत्री नायडू ने प्रकाशम ज़िले के दारसी मंडल के पूर्वी वीरयापालेम गाँव में योजना की पहली किस्त वितरित की। इस अवसर पर उन्होंने इसे किसानों के कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।


इस बार वितरित किए गए 7,000 रुपये में से 5,000 रुपये आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा 'अन्नदाता सुखीभव' योजना के तहत दिए गए, जबकि शेष 2,000 रुपये केंद्र सरकार की 'पीएम-किसान' योजना के तहत प्रदान किए गए। इस योजना के तहत, केंद्र सरकार कुल 6,000 रुपये और राज्य सरकार 14,000 रुपये देती है, जिससे किसानों को प्रति वर्ष 20,000 रुपये की सहायता मिलती है।


राज्य सरकार का बजटीय आवंटन

पहली किस्त के लिए, राज्य सरकार ने 2,343 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन किया है, जबकि केंद्र सरकार ने 831 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। इस संयुक्त प्रयास का उद्देश्य राज्य के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।


'अन्नदाता सुखीभव योजना' 2024 के चुनावों में नायडू द्वारा किए गए प्रमुख वादों में से एक है। यह उनके 'सुपर सिक्स' चुनावी वादों का हिस्सा है, जिसमें हर परिवार को साल में तीन मुफ़्त रसोई गैस सिलेंडर, हर स्कूल जाने वाले बच्चे को 15,000 रुपये की वार्षिक सहायता, और 19 से 59 वर्ष की महिलाओं को 1,500 रुपये की मासिक सहायता शामिल है।