उत्तर प्रदेश में बायो जेट ईंधन के लिए नई पहल से किसानों को होगा लाभ
किसानों की आमदनी बढ़ाने की नई योजना
उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की आय में वृद्धि और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है। इस योजना के तहत गन्ने की खोई, धान की भूसी और गेहूं के भूसे से बायो जेट ईंधन (SAF) का उत्पादन करने के लिए औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जाएंगी। इससे किसानों को लगभग 2.5 करोड़ रुपये का लाभ मिलने की उम्मीद है, साथ ही उनके कृषि अपशिष्टों का सही उपयोग भी होगा।
लखनऊ में सम्मेलन का आयोजन
हाल ही में लखनऊ के होटल ताज में एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें इस नई योजना पर चर्चा की गई। इस सम्मेलन की अध्यक्षता यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने की और उन्होंने किसानों को मिलने वाले लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। यह नीति देश में पहली बार लागू की जा रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रीन एनर्जी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना और किसानों को नए आय के स्रोत प्रदान करना है।
बायो जेट ईंधन का उत्पादन
इस नीति के माध्यम से किसानों को उनके कृषि अपशिष्टों का बेहतर मूल्य मिलेगा, जिससे पर्यावरण को भी लाभ होगा। गन्ने की खोई, धान की भूसी और गेहूं के भूसे का उपयोग करके बायो जेट ईंधन का उत्पादन किया जाएगा, जिससे स्वच्छ ऊर्जा का निर्माण होगा और पर्यावरण की रक्षा होगी।
ग्रीन एनर्जी में नई दिशा
मुख्य सचिव ने बताया कि यह नीति यूपी के ग्रीन एनर्जी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। किसानों को उनके कृषि अपशिष्ट बेचने के लिए एक स्थिर बाजार मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और वे पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों को अपनाने में सक्षम होंगे।
कंपनियों की रुचि
इस पहल में 18 से अधिक कंपनियों ने रुचि दिखाई है, जिनमें ग्रीनको, एएम ग्रीन्स और न्यू एरा क्लीन टेक शामिल हैं। इन कंपनियों ने लगभग 3,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उत्तर प्रदेश में निवेश का अनुकूल माहौल
उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए अनुकूल माहौल है, क्योंकि यहां की अच्छी हवाई, रेल और सड़क नेटवर्क के कारण उद्योगों के संचालन में आसानी होगी। इस कदम से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि ग्रीन एनर्जी क्षेत्र को भी एक नई दिशा मिलेगी, जो पर्यावरण के लिए अत्यंत लाभकारी होगी।