उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट: बचाव कार्य जारी, 128 लोग सुरक्षित निकाले गए
उत्तराखंड में मौसम का हाल
Uttarakhand weather update: उत्तरकाशी जिले में मौसम विभाग ने अगले दो घंटों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। हाल ही में आई बाढ़ ने यहां तबाही मचाई थी, जिसमें कई लोगों की जान गई थी। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में फिर से बारिश शुरू हो गई है, जबकि गंगानी क्षेत्र में पुल निर्माण कार्य भी फिर से आरंभ किया गया है।
बचाव कार्य की प्रगति
शुक्रवार दोपहर तक 128 लोगों को सुरक्षित निकाला गया
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार दोपहर तक 128 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। मंगलवार से अब तक कुल 566 लोगों को बचाया जा चुका है, जब कीचड़ और मलबे के तेज बहाव ने कई घरों, होटलों और वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया था। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इस आपदा में अब तक चार लोगों की मौत हुई है। बुधवार को दो मृतकों के शव बरामद किए गए थे।
लापता लोगों की संख्या
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) ने जानकारी दी है कि नौ सैन्यकर्मी और सात नागरिक अब भी लापता हैं। हालांकि, स्थानीय निवासियों और मुखबा जैसे आसपास के गांवों के लोगों का मानना है कि लापता लोगों की वास्तविक संख्या इससे अधिक हो सकती है। इसका कारण यह है कि आपदा के समय क्षेत्र में निर्माणाधीन होटलों में स्थानीय मजदूरों के साथ-साथ बिहार और नेपाल से आए कामगार भी मौजूद थे। इसके अलावा, धराली में स्थित लगभग दो दर्जन बड़े होटलों में भी मेहमान ठहरे हुए थे।
धराली का महत्व
गंगोत्री धाम के मार्ग पर एक प्रमुख पड़ाव है धराली
धराली, गंगोत्री धाम के मार्ग पर एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जहां से गंगा नदी का उद्गम स्थल आगे स्थित है। यहां पर होटलों, होमस्टे, रेस्तरां और गेस्ट हाउस की बड़ी संख्या है, जिससे यह क्षेत्र सालभर तीर्थयात्रियों और पर्यटकों से भरा रहता है। बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और स्थानीय पुलिस के 800 से अधिक कर्मियों को तैनात किया गया है। ये सभी दल मलबा हटाने, लापता लोगों की तलाश करने और फंसे हुए निवासियों व पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में जुटे हैं।
भविष्य की तैयारी
अधिकारियों का कहना है कि मौसम की मौजूदा परिस्थितियों और भारी वर्षा की चेतावनी को देखते हुए राहत और बचाव कार्यों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है, ताकि आगे किसी भी संभावित नुकसान को कम किया जा सके।