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करवा चौथ 2025: चांद निकलने का समय और पूजा विधि

करवा चौथ का पर्व विवाहित महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखती हैं। जानें इस वर्ष चांद कब निकलेगा और पूजा की विधि क्या होगी। चांद को अर्घ्य देने का सही तरीका और अगर चांद दिखाई न दे तो क्या करें, इस पर भी जानकारी प्राप्त करें।
 

करवा चौथ का महत्व

नई दिल्ली - करवा चौथ का त्योहार विवाहित महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला व्रत करती हैं और रात में चांद को अर्घ्य देकर अपने व्रत का समापन करती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो महिलाएं इस व्रत को विधिपूर्वक करती हैं, उनके पतियों को लंबी उम्र और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।


करवा चौथ 2025: चांद निकलने का समय

इस वर्ष करवा चौथ पर चांद अधिकांश शहरों में रात 8 बजे के बाद दिखाई देगा। महिलाएं चंद्रोदय के बाद छलनी से चांद के दर्शन करेंगी और फिर अपने पतियों के दर्शन कर व्रत का पारण करेंगी।



  • नई दिल्ली – 08:14 PM

  • नोएडा – 08:13 PM

  • चंडीगढ़ – 08:10 PM

  • कानपुर – 08:07 PM

  • लखनऊ – 08:03 PM

  • बेंगलुरु – 08:50 PM


चांद को अर्घ्य देने की विधि

पूजा की थाली तैयार करें, जिसमें कलश, चांदी का सिक्का, अक्षत (चावल), रौली, छलनी, आटे का दीपक और मिठाई शामिल करें। चंद्रोदय के बाद छलनी से पहले चांद के दर्शन करें, फिर उसी छलनी से अपने पति के दर्शन करें। चांद को अर्घ्य चढ़ाएं, दीपक दिखाएं और मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद चंद्रमा की आरती करें और सात सीकें अर्पित करें। अंत में, पति के हाथों से पानी ग्रहण कर व्रत का पारण करें।


अर्घ्य देते समय मंत्र

चांद को अर्घ्य देते समय इस मंत्र का उच्चारण करें: ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नमः।


अगर चांद दिखाई न दे तो क्या करें?

कभी-कभी मौसम या बादलों के कारण चांद नहीं दिखता। ऐसी स्थिति में घबराने की आवश्यकता नहीं है। यदि अन्य शहरों में चांद निकल चुका है, तो निर्धारित चंद्रोदय समय पर चंद्रदेव का ध्यान करके अर्घ्य दें और मन में प्रार्थना कर व्रत का समापन करें।