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करवा चौथ पर मां पार्वती के नामों का जाप करें

करवा चौथ एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो पति-पत्नी के प्रेम का प्रतीक है। इस दिन महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इस वर्ष यह व्रत 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस अवसर पर मां पार्वती के 108 नामों का जाप करने से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। जानें कैसे करें जाप और मां पार्वती की कृपा प्राप्त करें।
 

धन-धान्य से भर जाएगा घर


Maa Parvati Name Jaap, नई दिल्ली: करवा चौथ एक ऐसा पर्व है जो पति-पत्नी के अटूट प्रेम का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस वर्ष यह व्रत 10 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इस दिन सुबह स्नान के बाद देवी का ध्यान करना चाहिए। उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं और फिर माता रानी के 108 नामों का जाप करें। अंत में आरती करने से मां पार्वती की कृपा प्राप्त होती है।


मां पार्वती के 108 नाम


  • ॐ पार्वतीयै नम:

  • ॐ महा देव्यै नम:

  • ॐ जगन्मात्रे नम:

  • ॐ सरस्वत्यै नम:

  • ॐ चण्डिकायै नम:

  • ॐ लोक जनन्यायै नम:

  • ॐ सर्वदेवादि देवतायै नम:

  • ॐ शिवदुत्यै नम:

  • ॐ विशालाक्ष्यै नम:

  • ॐ चामुण्डायै नम:

  • ॐ विष्णु सोदर्यै नम:

  • ॐ चित्कलायै नम:

  • ॐ चिन्मयाकरायै नम:

  • ॐ महिषासुर मर्दन्यै नम:

  • ॐ कात्यायन्यै नम:

  • ॐ काला रूपायै नम:

  • ॐ गौरीयै नम:

  • ॐ परमायै नम:

  • ॐ ईशायै नम:

  • ॐ नागेन्द्र तनयै नम:

  • ॐ रौर्द्यै नम:

  • ॐ कालरात्र्यै नम:

  • ॐ तपस्विन्यै नम:

  • ॐ गिरिजायै नम:

  • ॐ मेनकथमजयै नम:

  • ॐ भवन्यै नम:

  • ॐ जनस्थानायै नम:

  • ॐ वीर पथ्न्यायै नम:

  • ॐ विरुपाक्ष्यै नम:

  • ॐ वीराराधिथयै नम:

  • ॐ हेमा भासयै नम:

  • ॐ सृष्टि रूपायै नम:

  • ॐ सृष्टि संहार करिण्यै नम:

  • ॐ मातृकायै नम:

  • ॐ महागौर्यै नम:

  • ॐ रामायै नम:

  • ॐ रामायै नम:

  • ॐ शुचि स्मितयै नम:

  • ॐ ब्रह्म स्वरूपिण्यै नम:

  • ॐ राज्य लक्ष्म्यै नम:

  • ॐ शिव प्रियायै नम:

  • ॐ नारायण्यै नम:

  • ॐ महा शक्तियै नम:

  • ॐ नवोदयै नम:

  • ॐ भाग्य दायिन्यै नम:

  • ॐ अन्नपूणार्यै नम:

  • ॐ सदानंदायै नम:

  • ॐ यौवनायै नम:

  • ॐ मोहिन्यै नम:

  • ॐ सथ्यै नम:

  • ॐ ब्रह्मचारिण्यै नम:

  • ॐ शर्वाण्यै नम:

  • ॐ देव मात्रे नम:

  • ॐ त्रिलोचन्यै नम:

  • ॐ ब्रह्मण्यै नम:

  • ॐ वैष्णव्यै नम:

  • ॐ अज्ञान शुद्ध्यै नम:

  • ॐ ज्ञान गमयै नम:

  • ॐ नित्यायै नम:

  • ॐ नित्य स्वरूपिण्यै नम:

  • ॐ कमलयै नम:

  • ॐ कमलाकारायै नम:

  • ॐ रक्तवर्णयै नम:

  • ॐ कलानिधाय नम:

  • ॐ मधु प्रियायै नम:

  • ॐ कल्याण्यै नम:

  • ॐ करुणायै नम:

  • ॐ हरव: समायुक्त मुनि मोक्ष परायणै नम:

  • ॐ धराधारा भवायै नम:

  • ॐ मुक्तायै नम:

  • ॐ वर मंत्रायै नम:

  • ॐ शम्भव्यै नम:

  • ॐ प्रणवथ्मिकायै नम:

  • ॐ श्री महागौर्यै नम:

  • ॐ रामजानयै नम:

  • ॐ यौवनाकारायै नम:

  • ॐ परमेष प्रियायै नम:

  • ॐ परायै नम:

  • ॐ पुष्पिन्यै नम:

  • ॐ पुष्प कारायै नम:

  • ॐ पुरुषार्थ प्रदायिन्यै नम:

  • ॐ महा रूपायै नम:

  • ॐ महा रौर्द्यै नम:

  • ॐ कामाक्ष्यै नम:

  • ॐ वामदेव्यै नम:

  • ॐ वरदायै नम:

  • ॐ वर यंत्रायै नम:

  • ॐ काराप्रदायै नम:

  • ॐ कल्याण्यै नम:

  • ॐ वाग्भव्यै नम:

  • ॐ देव्यै नम:

  • ॐ क्लीं कारिण्यै नम:

  • ॐ संविधेय नम:

  • ॐ ईश्वर्यै नम:

  • ॐ ह्रींकारं बीजायै नम:

  • ॐ भय नाशिन्यै नम:

  • ॐ वाग्देव्यै नम:

  • ॐ वचनायै नम:

  • ॐ वाराह्यै नम:

  • ॐ विश्व तोशिन्यै नम:

  • ॐ वर्धनेयै नम:

  • ॐ विशालाक्ष्यै नम:

  • ॐ कुल संपत् प्रदायिन्यै नम:

  • ॐ अरथ धुकच्छेद्र दक्षायै नम:

  • ॐ अम्बायै नम:

  • ॐ निखिला योगिन्यै नम:

  • ॐ सदापुरा स्थायिन्यै नम:

  • ॐ तरोमुर्ला तलंगथयै नम:


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