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कार्तिक मास में भगवान विष्णु की पूजा का महत्व

कार्तिक मास को धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा और मां तुलसी की आराधना की जाती है। प्राचीन मान्यता के अनुसार, इस महीने में सात्विक आहार का सेवन करने से इच्छित फल प्राप्त होते हैं। जानें इस मास में भगवान विष्णु को कौन-कौन से भोग अर्पित करने चाहिए और दीपदान का महत्व क्या है। साथ ही, जानें मंत्र का जाप करने से कैसे मिलती है कृपा।
 

कार्तिक मास की पूजा

कार्तिक मास की पूजा: कार्तिक मास को अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस दौरान भगवान विष्णु और मां तुलसी की विशेष पूजा की जाती है। प्राचीन मान्यता के अनुसार, इस महीने में सात्विक भोजन का सेवन करके श्री हरि की आराधना करने से इच्छित फल प्राप्त होते हैं। प्रात:काल उठकर भगवान विष्णु का स्मरण करना और उन्हें धूप, अगरबत्ती, फूल, फल और अक्षत अर्पित करने से जीवन में सकारात्मकता आती है और लक्षित कार्यों में सफलता मिलती है।


भोग:
भगवान विष्णु को उनकी प्रिय भोग सामग्री जैसे केला, पंचामृत, गुड़, चने और मखाने की खीर अर्पित करनी चाहिए।


दीपदान:
कार्तिक मास में किए गए दान और दीपदान से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और सभी पापों का नाश होता है। सुबह तुलसी के समक्ष घी या तिल के तेल का दीपक जलाने से व्यक्ति के पाप समाप्त होते हैं।


कार्तिक मास में भगवान विष्णु का मंत्र:
भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए इस मास में उनके मंत्रों का जाप करना लाभकारी होता है।
मंत्र: “ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥”