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कालाष्टमी पर विशेष उपाय: वैवाहिक जीवन में सुधार के लिए करें ये कार्य

12 नवंबर को मनाई जाने वाली कालाष्टमी पर विशेष उपायों के बारे में जानें, जो आपके वैवाहिक जीवन में सुधार ला सकते हैं। इस दिन भगवान काल भैरव की पूजा का महत्व और विभिन्न उपायों के बारे में जानकारी प्राप्त करें। जानें कैसे काले तिल, काले वस्त्र, और अन्य दान आपके प्रेम जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
 

कालाष्टमी का महत्व


12 नवंबर को मनाई जाएगी कालाष्टमी
Kalashtami Upaay, नई दिल्ली: हिंदू धर्म में हर तिथि और वार का विशेष महत्व होता है। हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है, जिसे काल भैरव जयंती भी कहा जाता है। इस दिन भगवान शंकर के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा की जाती है। मान्यता है कि उनकी पूजा से जीवन की सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। तंत्र साधक इस दिन विशेष पूजा विधि का पालन करते हैं.


कालाष्टमी कब मनाई जाएगी?

वैदिक पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि 11 नवंबर 2025 को सुबह 11:08 बजे से शुरू होगी और 12 नवंबर 2025 को सुबह 10:58 बजे समाप्त होगी। इस प्रकार, काल भैरव जयंती 12 नवंबर 2025 को मनाई जाएगी।


कालाष्टमी व्रत का महत्व

काल भैरव भगवान शिव के रौद्र रूप माने जाते हैं। जो भक्त इस दिन बाबा काल भैरव की विधिपूर्वक पूजा करते हैं, उनके सभी पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं। इस दिन श्रद्धा से व्रत और पूजा करने से भगवान शिव की कृपा बनी रहती है। काल भैरव की कृपा से कुंडली में मौजूद राहु दोष भी समाप्त हो सकता है।


वैवाहिक जीवन को मधुर बनाने के उपाय

  • काले तिल को शनि ग्रह से जोड़ा जाता है, जो प्रेम और विवाह का कारक ग्रह है। काले तिल का दान करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे प्रेम संबंधों में बाधाएं दूर होती हैं।
  • शनिदेव को काले रंग का समर्पण किया जाता है। कालाष्टमी के दिन काले वस्त्र का दान करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है और प्रेम जीवन में समस्याएं समाप्त होती हैं।
  • कालाष्टमी पर जूतों का दान करने से राहु ग्रह की पीड़ा दूर होती है, जो अक्सर प्रेम जीवन में बाधाएं उत्पन्न करता है।
  • उड़द की दाल का दान करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे प्रेम जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।