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केदारनाथ यात्रा में हेलीकॉप्टर दुर्घटना: सुरक्षा पर उठे सवाल

उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में हाल ही में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना में 7 लोगों की जान चली गई। जानें केदारनाथ यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर किराया, मुआवजे की प्रक्रिया और सुरक्षा उपायों के बारे में। क्या सरकार भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाएगी? पूरी जानकारी के लिए पढ़ें।
 

केदारनाथ यात्रा का महत्व

उत्तराखंड का केदारनाथ धाम देशभर के भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए यहां आते हैं। पहाड़ी और कठिन रास्तों के चलते हेलीकॉप्टर सेवाओं की मांग में वृद्धि हुई है, जो विशेष रूप से बुजुर्गों और समय की कमी वाले यात्रियों के लिए सुविधाजनक साबित हो रही है। हाल ही में, रविवार की सुबह केदारनाथ के गौरीकुंड में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें पायलट और एक बच्चे सहित कुल 7 लोगों की जान चली गई। इस घटना ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.


हेलीकॉप्टर किराया और सेवाएं

फाटा, सिरसी और गुप्तकाशी जैसे हेलीपैड से केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध हैं। इन सेवाओं का किराया सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है और हर साल चारधाम यात्रा से पहले इसकी घोषणा की जाती है।


फाटा से केदारनाथ (नौका किराया): रु. 5,500 से 6,000 प्रति व्यक्ति।


सिरसी से केदारनाथ: 5,000 से 5,800 रुपये प्रति व्यक्ति।


गुप्तकाशी से केदारनाथ: 7,500 से 8,000 रुपये प्रति व्यक्ति।


यह किराया एक व्यक्ति के लिए राउंड ट्रिप (वापसी) के लिए है। बच्चों या वरिष्ठ नागरिकों के लिए दरें समान हैं, लेकिन वजन सीमा पर विशेष ध्यान दिया जाता है।


दुर्घटना के बाद मुआवजे की प्रक्रिया

हालांकि हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण होती हैं, लेकिन नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और हेलीकॉप्टर संचालन कंपनियों के पास ऐसी स्थितियों के लिए कुछ नियम और बीमा योजनाएं हैं।


मृतकों के परिवारों को मुआवजा: दुर्घटना में मरने वाले यात्रियों के परिवारों को ऑपरेटर की नीति के अनुसार बीमा कंपनियों से 5 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक का मुआवजा मिल सकता है।


घायल यात्रियों को सहायता: घायल यात्रियों को चिकित्सा व्यय और मुआवजा प्रदान किया जाता है, जिसकी राशि अलग-अलग स्थितियों में भिन्न हो सकती है।


बीमा अनिवार्य: हर ऑपरेटर के पास यात्रियों के लिए वैध बीमा होना अनिवार्य है।


हाल ही में आर्यन एविएशन कंपनी के हेलीकॉप्टर हादसे के बाद मुआवजे की प्रक्रिया पर चर्चा फिर से तेज हो गई है। अहमदाबाद में हुए बड़े विमान हादसे ने भी यात्रियों की सुरक्षा के नियमों और मुआवजे के तरीकों पर पुनर्विचार करने को मजबूर किया है। सरकार और प्रशासन यात्रियों की सुरक्षा के लिए और सख्त कदम उठाने की योजना बना रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।