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गणेश चतुर्थी: उत्सव की तैयारी और महत्व

गणेश चतुर्थी, भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन भक्त गणेश जी की मूर्तियों की स्थापना करते हैं और 10 दिनों तक उनकी पूजा करते हैं। त्योहार की तैयारी में विशेष व्यंजन जैसे मोदक बनाए जाते हैं। समापन समारोह में भक्त गणेश जी की मूर्तियों को जल में विसर्जित करते हैं। जानें इस पर्व की तैयारी और महत्व के बारे में।
 

गणेश चतुर्थी का महत्व

गणेश चतुर्थी, भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन भक्त गणेश जी की मूर्तियों की स्थापना करते हैं और उनकी पूजा करते हैं।


इस अवसर पर लोग अपने घरों में गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करते हैं और 10 दिनों तक उनकी पूजा करते हैं। यह पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का प्रतीक भी है।


त्योहार की तैयारी

गणेश चतुर्थी की तैयारी में लोग अपने घरों को सजाते हैं और विशेष व्यंजन बनाते हैं। मोदक, जो भगवान गणेश का प्रिय भोग है, इस दिन विशेष रूप से बनाया जाता है।


भक्तगण इस दिन अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर गणेश जी की पूजा करते हैं और एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं।


समापन समारोह

गणेश चतुर्थी का समापन अनंत चतुर्दशी को होता है, जब भक्त गणेश जी की मूर्तियों को जल में विसर्जित करते हैं। यह एक भावुक क्षण होता है, जिसमें लोग गणेश जी से अगले वर्ष फिर से आने की प्रार्थना करते हैं।