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गणेश चतुर्थी पर पूजा में न करें ये 7 गलतियाँ

गणेश चतुर्थी के अवसर पर भक्त गणपति बप्पा की पूजा करते हैं, लेकिन कुछ गलतियाँ पूजा के फल को नकारात्मक बना सकती हैं। इस लेख में हम उन 7 महत्वपूर्ण गलतियों के बारे में चर्चा करेंगे, जिनसे बचना चाहिए। सही दिशा में मूर्ति रखना, टूटी मूर्ति से बचना, और उचित प्रसाद का चयन करना जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान दें। जानें कि कैसे आप अपनी पूजा को सफल बना सकते हैं और गणपति की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
 

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Ganesh Chaturthi Upaay, नई दिल्ली: आज गणेश चतुर्थी का पर्व है। भक्त गणपति बप्पा को अपने घर लाकर उनकी पूजा करते हैं। इस दौरान कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है, अन्यथा पूजा का फल नहीं मिल सकता। आइए जानते हैं कि गणेश चतुर्थी पर किन 7 गलतियों से बचना चाहिए।


गलत दिशा में मूर्ति ना रखें

गणेश जी की मूर्ति को गलत दिशा में रखना पूजा के फल को कम कर सकता है। वास्तु के अनुसार, मूर्ति को उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रखना चाहिए। दक्षिण दिशा में मूर्ति रखना अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।


टूटी या खंडित मूर्ति की पूजा ना करें

गणेश चतुर्थी पर टूटी या खंडित मूर्ति की पूजा करना अशुभ होता है। ऐसी मूर्तियाँ नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं। हमेशा सही आकार और सुंदर मूर्ति का चयन करें और पूजा से पहले उसकी जांच करें।


चंद्र दर्शन से बचें

गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखना वर्जित है, क्योंकि इससे मिथ्या दोष लगता है। पौराणिक कथा के अनुसार, चंद्रमा ने गणेश जी का मजाक उड़ाया था, जिसके कारण यह नियम बना। यदि गलती से चंद्रमा दिख जाए, तो ॐ गं गणपतये नम: मंत्र का जप करें।


गलत प्रसाद का भोग

गणेश जी को तामसिक भोजन जैसे मांस, मछली या लहसुन-प्याज का भोग नहीं लगाना चाहिए। गणपति को मोदक, लड्डू और फल प्रिय हैं। तुलसी पत्र का उपयोग भी न करें, क्योंकि यह गणेश जी को नहीं चढ़ाया जाता।


साफ-सफाई नजरअंदाज ना करें

गणेश चतुर्थी पर पूजा स्थल की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। गंदा या अव्यवस्थित पूजा स्थान नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। मूर्ति स्थापना से पहले स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें।


शयनकक्ष में मूर्ति ना रखें

गणेश जी की मूर्ति को शयनकक्ष में रखना वास्तु दोष उत्पन्न करता है। इसे पूजा घर, ड्रॉइंग रूम या मुख्य द्वार के पास स्थापित करें।


गलत समय पर पूजा ना करें

गणेश चतुर्थी पर पूजा और मूर्ति स्थापना शुभ मुहूर्त में करें। सुबह का समय या पंचांग के अनुसार निर्धारित समय सबसे उत्तम है।


सम्मान के साथ करें विसर्जन

गणेश चतुर्थी के बाद मूर्ति का विसर्जन सम्मानपूर्वक करें। इसे गंदे पानी या कूड़ेदान में न फेंकें। विसर्जन के समय ॐ गं गणपतये नम: मंत्र का जप करें।