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गणेश पूजा: भगवान गणेश को अर्पित करें ये विशेष भोग

गणेश पूजा का महत्व बुधवार के दिन विशेष रूप से बढ़ जाता है। इस दिन भगवान गणेश को अर्पित किए जाने वाले भोग जैसे मोदक और लड्डू से उनकी कृपा प्राप्त की जा सकती है। पूजा के दौरान दूर्वा अर्पित करना भी आवश्यक है। जानें गणेश जी की आरती और पूजा विधि के बारे में, जिससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकें।
 

भगवान गणेश की पूजा का महत्व


भगवान गणेश की पूजा का महत्व
बुधवार का दिन भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस दिन विधिपूर्वक गणेश जी की पूजा करने से आपकी सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं और आपके कार्यों में आ रही बाधाएं दूर हो सकती हैं।


अर्पित करें ये विशेष भोग

गणेश जी की पूजा के दौरान उन्हें उनके प्रिय भोग जैसे मोदक, लड्डू और मालपुआ अर्पित करें। इससे भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही, दूर्वा भी अर्पित करना न भूलें। दूर्वा को 11 या 21 के जोड़े में चढ़ाएं और अर्पित करते समय इस मंत्र का जाप करें:


  • श्री गणेशाय नम: दूर्वांकुरान् समर्पयामि


पूजा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

दूर्वा अर्पित करने से पहले इसे साफ पानी से धोना चाहिए। इसे हमेशा साफ स्थान से तोड़ें। ध्यान रखें कि गणेश जी की पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं करना चाहिए।


गणेश जी की आरती

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
सूर श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
भगवान गणेश की जय, पार्वती के लल्ला की जय