गुरु पूर्णिमा 2025: महत्व, तिथि और मनाने की विधि
गुरु पूर्णिमा का महत्व
गुरु पूर्णिमा हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो गुरु और शिष्य के रिश्ते का प्रतीक है। यह दिन उन सभी गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर है, जिन्होंने हमें ज्ञान का मार्ग दिखाया। आइए जानते हैं कि 2025 में गुरु पूर्णिमा कब है और इसे कैसे मनाया जाता है।गुरु पूर्णिमा 2025 की तिथि: हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा को यह पर्व मनाया जाता है। 2025 में, गुरु पूर्णिमा 11 जुलाई को होगी। पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 10 जुलाई को रात 09:09 बजे और समापन 11 जुलाई को रात 10:19 बजे होगा।
गुरु पूर्णिमा का महत्व: यह दिन गुरु के प्रति श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक है। भारतीय संस्कृति में गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समान माना जाता है।
वेद व्यास का जन्मोत्सव: इस दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था, जिन्होंने महाभारत और अन्य ग्रंथों की रचना की। इसलिए इसे 'व्यास पूर्णिमा' भी कहा जाता है।
गुरु पूर्णिमा मनाने की विधि: भक्त अपने गुरुओं का सम्मान करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यदि आपके पास जीवित गुरु हैं, तो उनसे मिलकर आशीर्वाद लें। अन्यथा, आप अपने आराध्य देवी-देवताओं का ध्यान कर सकते हैं।
प्रातःकाल स्नान करें और पूजा स्थल को साफ करें। गुरु का ध्यान करें और उन्हें फूल, फल, मिठाई अर्पित करें। मंत्र जाप और दान-पुण्य का विशेष महत्व है।
सच्चा गुरु: गुरु केवल शिक्षक नहीं होते, बल्कि वे आपके जीवन के मार्गदर्शक भी होते हैं। गुरु पूर्णिमा का दिन ऐसे सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर है।