गोवर्धन पूजा: जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
गोवर्धन पूजा, जिसे अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है, दीपावली के बाद मनाई जाती है। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन विशेष अनुष्ठान और भोग अर्पित करने का महत्व है। जानें इस पर्व का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, साथ ही क्या करें और क्या न करें।
Oct 21, 2025, 05:06 IST
भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विशेष दिन
गोवर्धन पूजा, जिसे अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है, दीपावली के बाद वाले दिन मनाई जाती है। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से जीवन में सकारात्मकता आती है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण द्वारा ब्रजवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाने और गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाने की कथा का प्रतीक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भक्तजन पूजा और अनुष्ठान करते हैं। इस वर्ष गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
गोवर्धन पूजा का मुहूर्त
गोवर्धन पूजा का मुहूर्त: सुबह 06:26 से 08:42 बजे तक रहेगा।
गोवर्धन पूजा के दिन करने योग्य कार्य
- घर के आंगन या मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत का आकार बनाएं।
- इसके बीच में भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित करें।
- 56 भोग या अन्नकूट तैयार करें और भगवान श्रीकृष्ण तथा गोवर्धन महाराज को अर्पित करें।
- इसमें कढ़ी-चावल, बाजरा, और माखन-मिश्री शामिल करें।
- गाय की पूजा का विशेष महत्व है। उन्हें स्नान कराकर तिलक लगाएं और फूल-माला पहनाएं।
- साथ ही हरा चारा खिलाएं।
- सात्विक भोजन का सेवन करें।
- गोवर्धन पर्वत की आकृति की सात बार परिक्रमा करें।
- परिक्रमा करते समय वैदिक मंत्रों का जाप करें।
- यदि संभव हो तो गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करें।
- भगवान कृष्ण के मंदिर में दर्शन के लिए अवश्य जाएं।
- शुभ कार्यों के लिए लाल, पीला, नारंगी जैसे रंग के कपड़े पहनें।
गोवर्धन पूजा के दिन क्या न करें
- गोवर्धन पूजा के दिन और इससे पहले आने वाली अमावस्या को तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ें।
- पूजा के समय काले या नीले रंग के वस्त्र पहनने से बचें।
- घर का मुख्य द्वार या खिड़की लंबे समय तक बंद न रखें।
- गोवर्धन पूजा के दिन मांस, मदिरा या अन्य तामसिक भोजन न बनाएं।
- इस दिन किसी भी पेड़-पौधे को न काटें, क्योंकि यह पर्व प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का है।