चंडीगढ़ में सौर ऊर्जा से 270 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन
सौर ऊर्जा का विस्तार
चंडीगढ़ में इस वर्ष के अंत तक सभी घरों को सौर फोटोवोल्टिक पावर प्लांट्स से कवर करने की योजना बनाई गई है। वर्तमान में, चंडीगढ़ की बिजली की कुल मांग का 6% हिस्सा सौर ऊर्जा द्वारा पूरा किया जा रहा है।
बिजली की मांग और सौर ऊर्जा का योगदान
प्रशासन और चंडीगढ़ रिन्यूएबल एनर्जी साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रमोशन सोसाइटी (क्रेस्ट) की रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष चंडीगढ़ की बिजली की मांग लगभग 1700 मिलियन यूनिट्स रही है, जिसमें से 109 मिलियन यूनिट्स सौर प्लांट्स से उत्पन्न हुई हैं। इससे पारंपरिक बिजली उत्पादन से होने वाले कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है।
सौर परियोजनाओं का प्रभाव
चंडीगढ़ में स्थापित सौर परियोजनाओं ने अब तक 270.26 मिलियन यूनिट बिजली उत्पन्न की है, जिससे 1,86,479 मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन को रोका गया है। सौर ऊर्जा के बेहतर उपयोग के लिए और अधिक सौर प्लांट्स स्थापित किए जा रहे हैं, जिसमें सरकारी और निजी दोनों प्रकार के बुनियादी ढांचे को शामिल किया गया है।
सरकारी घरों में सौर ऊर्जा का लक्ष्य
चंडीगढ़ में 31 दिसंबर 2024 तक सभी सरकारी घरों को सौर फोटोवोल्टिक पावर प्लांट्स के माध्यम से कवर करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रशासन ने 31 दिसंबर 2025 तक सभी निजी घरों में भी सौर कवरेज का लक्ष्य निर्धारित किया है। पीएम सूर्य घर योजना के तहत निजी घरों में सौर प्लांट्स लगाए जा रहे हैं।
नया फ्लोटिंग सोलर प्लांट
सेक्टर-39 वॉटर वर्क्स में उत्तर भारत का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट स्थापित किया गया है, जिसकी क्षमता 2.50 मेगावॉट है। इसी स्थान पर 3 मेगावॉट का नया फ्लोटिंग सोलर प्लांट भी स्थापित किया जा रहा है, जिसे इस महीने शुरू किया जाएगा।
रूफटॉप सोलर प्लांट्स की स्थिति
चंडीगढ़ में अब तक 89.68 मेगावॉट के रूफटॉप सोलर प्लांट्स स्थापित किए जा चुके हैं। 10,988 साइट्स पर सौर फोटोवोल्टिक पावर प्लांट्स लगाए गए हैं, जिसमें 200 से अधिक बिल्डिंग्स नेट जीरो कैटेगरी में आती हैं।