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छोटी दिवाली 2025: जानें नरक चतुर्दशी का महत्व और पूजा विधि

छोटी दिवाली 2025, जिसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है, 19 अक्टूबर को मनाई जा रही है। इस दिन का महत्व दीर्घायु, स्वास्थ्य और सौंदर्य की कामना से जुड़ा है। जानें यम का दीपक जलाने और अभ्यंग स्नान का सही समय, साथ ही इस दिन किए जाने वाले विशेष उपायों के बारे में। यह पर्व न केवल शारीरिक और मानसिक शुद्धता का प्रतीक है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि और सौंदर्य की कामना का भी दिन है।
 

छोटी दिवाली 2025 का महत्व


छोटी दिवाली 2025: आज, 19 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली का उत्सव मनाया जा रहा है। इस दिन का महत्व दीर्घायु, स्वास्थ्य और सौंदर्य की कामना से जुड़ा हुआ है। नरक चतुर्दशी के अवसर पर यमराज की पूजा और भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर के वध की कथाएं प्रचलित हैं। आइए जानते हैं कि इस बार नरक चतुर्दशी पर यम का दीपक जलाने और अभ्यंग स्नान का सही समय क्या होगा।


नरक चतुर्दशी का महत्व और मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 19 अक्टूबर, रविवार को है। चतुर्दशी तिथि 19 अक्टूबर को दोपहर 01:51 बजे से लेकर 20 अक्टूबर को दोपहर 03:44 बजे तक रहेगी। इस दिन यमराज की पूजा का विशेष महत्व है और प्रदोष काल में यम का दीपक जलाने की परंपरा है, जो अकाल मृत्यु के भय को समाप्त करता है।


यम का दीपक जलाने का मुहूर्त

नरक चतुर्दशी पर यम का दीपक जलाना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस बार यम का दीपक जलाने का सही समय 19 अक्टूबर को शाम 05:50 बजे से लेकर शाम 07:02 बजे तक रहेगा। इस समय यमराज के समक्ष दीपक जलाने से व्यक्ति की उम्र बढ़ती है और अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।


अभ्यंग स्नान का मुहूर्त

नरक चतुर्दशी के दिन अभ्यंग स्नान का भी विशेष महत्व है, जिसे रूप चौदस कहा जाता है। इस दिन तेल मालिश और स्नान से शारीरिक और मानसिक शुद्धता प्राप्त होती है। अभ्यंग स्नान का उत्तम समय सुबह 05:13 बजे से लेकर सुबह 06:25 बजे तक रहेगा। स्नान से न केवल शरीर की सुंदरता बढ़ती है, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का भी निवारण होता है।


रूप चौदस का महत्व और उपाय

नरक चतुर्दशी को रूप चौदस इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इस दिन उबटन और स्नान करने से शरीर और मन दोनों की शुद्धि होती है। इस दिन किए गए उपायों से जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और व्यक्ति को अद्भुत सौंदर्य प्राप्त होता है। दीपदान भी इस दिन महत्वपूर्ण है, जो पुण्य का कारक माना जाता है।


दीर्घायु के लिए यम देवता की पूजा

नरक चतुर्दशी पर दीर्घायु की कामना के लिए यम देवता की पूजा का महत्व है। इस दिन मुख्य द्वार पर बाईं तरफ अनाज की ढेरी रखें और उस पर सरसों के तेल का एकमुखी दीपक जलाएं। दीपक का मुख दक्षिण दिशा की ओर रखें और फिर जल और पुष्प चढ़ाकर दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करें।


कर्ज मुक्ति के उपाय

इस दिन कर्ज मुक्ति के लिए भी विशेष उपाय किए जाते हैं। रात्रि के समय बजरंगबली के सामने शुद्ध सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद "ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हूँ फट" मंत्र का जाप करें और हनुमान जी से कर्ज मुक्ति की प्रार्थना करें।


नरक चतुर्दशी का पर्व न केवल शारीरिक और मानसिक शुद्धता का प्रतीक है, बल्कि यह जीवन में सुख-समृद्धि, सौंदर्य और दीर्घायु की कामना का दिन भी है। इस दिन किए गए विशेष उपाय व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं.