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दशहरा 2025: छुट्टियों का सही उपयोग कैसे करें

दशहरा 2025 के अवसर पर देशभर में 9 दिनों की छुट्टियां घोषित की गई हैं। यह समय न केवल त्योहार मनाने का है, बल्कि बच्चों को पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी महत्वपूर्ण है। जानें कि कैसे इस समय का सही उपयोग किया जा सकता है, ताकि बच्चे त्योहारों का आनंद लेते हुए अपनी पढ़ाई में भी ध्यान दे सकें।
 

दशहरा की छुट्टियों का महत्व

Dussehra Holiday 2025: जैसे ही त्योहारों का मौसम आता है, देशभर में उत्साह और रौनक का माहौल बन जाता है। नवरात्रि, दुर्गा पूजा और दशहरा केवल धार्मिक पर्व नहीं हैं, बल्कि ये परिवार और समाज में एकता और उत्सव का अनुभव भी कराते हैं। इस बार एक विशेष बात यह है कि सितंबर और अक्टूबर में कई राज्यों में स्कूल और कॉलेजों में लगातार 9 दिनों तक छुट्टियां घोषित की गई हैं।


छुट्टियों का लाभ

इन छुट्टियों के दौरान बच्चों को त्योहार मनाने का मौका मिलेगा, साथ ही उन्हें पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी पर्याप्त समय मिलेगा। अभिभावकों और शिक्षकों के लिए यह आवश्यक है कि वे बच्चों को त्योहार और पढ़ाई के बीच संतुलन बनाना सिखाएं, ताकि उनकी दिनचर्या और अध्ययन पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।


दशहरे की छुट्टियां कब और कितनी?

दशहरे की छुट्टियां कब और कितनी?


इस वर्ष विजयादशमी 2 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। कई राज्यों में अष्टमी से लेकर दशहरे तक स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। कुछ राज्यों में यह अवकाश 9-10 दिनों तक का होगा, जिससे छात्रों को उत्सव में भाग लेने का अवसर मिलेगा और वे सांस्कृतिक गतिविधियों और रिवीजन के लिए भी समय निकाल सकेंगे।


कौन से राज्यों में स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे?

किन राज्यों में रहेंगे स्कूल-कॉलेज बंद?


उत्तर प्रदेश – कई जिलों में स्कूल 9 दिन बंद रहेंगे।


  • बिहार – राज्य सरकार ने नवरात्रि और दशहरा के लिए छुट्टियां घोषित की हैं।
  • मध्य प्रदेश – यहां भी छात्रों को लंबी छुट्टियों का लाभ मिलेगा।
  • राजस्थान और छत्तीसगढ़ – दुर्गा पूजा और दशहरे पर स्कूल बंद रहेंगे।
  • पश्चिम बंगाल – नवरात्रि से दशहरा तक स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे।


लंबी छुट्टियों का सही उपयोग कैसे करें?

लंबी छुट्टियों का सही उपयोग कैसे करें?


  • बच्चों को त्योहार का सांस्कृतिक महत्व समझाएं।
  • पढ़ाई और खेलने का संतुलन बनाए रखें।
  • गैजेट्स से दूरी बनाकर किताबों और रचनात्मक गतिविधियों की ओर प्रेरित करें।
  • प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र इस समय को आत्म-अध्ययन और रिवीजन में लगाएं।