दशहरा पूजा 2025: शुभ समय, मंत्र और विशेष उपाय
दशहरा पूजा का महत्व
Dussehra Puja Ravana Dahan Time: नई दिल्ली | दशहरा 2025 का पर्व 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया और माता दुर्गा ने महिषासुर को हराया।
दशहरा पूजा का शुभ समय
दशहरा आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, 2025 में दशमी तिथि 1 अक्टूबर को शाम 7:01 बजे से शुरू होकर 2 अक्टूबर को शाम 7:10 बजे समाप्त होगी।
पूजा का सबसे शुभ समय विजय मुहूर्त है, जो 2 अक्टूबर को दोपहर 2:09 बजे से 2:56 बजे तक रहेगा। अपराह्न पूजा का समय दोपहर 1:21 बजे से 3:44 बजे तक है। रावण दहन शाम 5:00 से 7:00 बजे के बीच होगा, जो स्थानीय आयोजनों पर निर्भर करेगा। इस दिन सुबह 9:13 बजे से शुरू होने वाला श्रवण नक्षत्र पूजा को और भी शुभ बनाएगा।
दशहरा पूजा के विशेष मंत्र
दशहरा पर मंत्र जप से मन को शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। इन मंत्रों का जप करें:
श्रीराम मंत्र: नीलांबुजश्यामलकोमलांग सितासमरोपितवंशभागम्। पाणौ महासायकचरुचापं नमामि रामं रघुवंशनाथम्॥
विजय मंत्र: श्रीराम जय राम जय जय राम।
अपराजिता देवी मंत्र: ॐ अपराजितायै नमः।
प्रत्येक मंत्र को 11, 21 या 108 बार माला के साथ शांत मन से जपें। ये मंत्र पूजा को और प्रभावी बनाते हैं।
दशहरा पर विशेष उपाय
दशहरा पर कुछ सरल उपाय जीवन में सुख और समृद्धि ला सकते हैं। पूजा के बाद शमी पत्र को तिजोरी या पर्स में रखने से धन लाभ होता है। अपराजिता देवी की पूजा से नौकरी और व्यापार में सफलता मिलती है। पूजा के बाद ब्राह्मण को अन्न या वस्त्र दान करना पुण्यकारी होता है।