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दशहरे पर बराड़ा में रावण की परंपरा का अंत: जानें क्यों नहीं बनेगा विश्व का सबसे ऊंचा रावण

हरियाणा के बराड़ा में इस साल दशहरा का उत्सव फीका रहेगा क्योंकि यहाँ विश्व का सबसे ऊँचा रावण पुतला नहीं बनेगा। स्थान की कमी के कारण, इस बार 210 फीट ऊँचा रावण पुतला नहीं बनाया जाएगा। इसके बजाय, राजस्थान के कोटा में 215 फीट ऊँचा रावण पुतला तैयार किया जा रहा है। जानें इस परंपरा के टूटने का कारण और कोटा में क्या विशेष होने वाला है।
 

बराड़ा में रावण की परंपरा का टूटना

दशहरा पर बराड़ा में रावण की परंपरा का अंत: जानें क्यों नहीं बनेगा विश्व का सबसे ऊंचा रावण: हरियाणा के बराड़ा में इस वर्ष दशहरा का उत्सव कुछ खास नहीं रहेगा। यहाँ पर विश्व का सबसे ऊँचा रावण पुतला बनाने की परंपरा इस बार नहीं निभाई जाएगी।


श्री राम लीला क्लब के अध्यक्ष तेजेंद्र चौहान ने बताया कि स्थान की कमी के कारण इस साल 210 फीट ऊँचा रावण पुतला नहीं बनाया जा सकेगा। इसके बजाय, वे राजस्थान के कोटा में 215 फीट ऊँचा रावण पुतला बना रहे हैं, जो विश्व का सबसे ऊँचा होगा। आइए जानते हैं कि इस परंपरा के टूटने का कारण क्या है और कोटा में क्या विशेष होने वाला है।


बराड़ा में रावण क्यों नहीं बनेगा?

बराड़ा का रावण पुतला अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। 210 फीट ऊँचा यह पुतला पांच बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुका है। इसे 2011, 2013, 2014, 2015 और 2016 में विश्व के सबसे ऊँचे रावण पुतले का खिताब मिला, जिसने बराड़ा को गर्वित किया।


हालांकि, इस बार दशहरा ग्राउंड की कमी के कारण यह परंपरा टूट रही है। तेजेंद्र चौहान ने बताया कि पर्याप्त स्थान न होने के कारण वे इस साल राजस्थान के कोटा में 215 फीट ऊँचा और 12 टन वजनी रावण पुतला बना रहे हैं, जिसका दहन रिमोट से किया जाएगा। इस पुतले के निर्माण में लगभग 50 लाख रुपये का खर्च आएगा।


कोटा में नया रिकॉर्ड बनेगा

तेजेंद्र चौहान ने कहा कि कोटा में बनने वाला रावण पुतला न केवल विश्व का सबसे ऊँचा होगा, बल्कि यह एक नया इतिहास भी रचेगा।


215 फीट की ऊँचाई और 12 टन वजन के साथ यह पुतला तकनीक और कारीगरी का अद्भुत उदाहरण होगा। इसका दहन रिमोट के माध्यम से किया जाएगा, जो इसे और भी खास बनाएगा। तेजेंद्र ने कहा कि यदि सरकार बराड़ा में दशहरा ग्राउंड के लिए भूमि उपलब्ध कराए, तो वे फिर से बराड़ा में विश्व का सबसे ऊँचा रावण पुतला बनाकर इतिहास को दोहराएंगे।


बराड़ा के निवासियों में निराशा

बराड़ा के समाजसेवी विकास सिंगला और स्थानीय निवासी विजय गुप्ता ने बताया कि हर साल 210 फीट के रावण पुतले को देखने के लिए लोग दूर-दूर से बराड़ा आते थे। लेकिन इस बार जगह की कमी के कारण यह भव्य आयोजन नहीं हो पा रहा, जिससे लोगों में निराशा है।


उन्होंने सरकार से अपील की है कि बराड़ा की इस पहचान को बचाने के लिए स्थायी दशहरा ग्राउंड बनाया जाए। इससे न केवल परंपरा जीवित रहेगी, बल्कि बराड़ा फिर से विश्व पटल पर अपनी छाप छोड़ सकेगा।