दिल्ली में ग्रीन पटाखों की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट के नए दिशा-निर्देश
दिल्ली में ग्रीन पटाखों की बिक्री के नियम
दिल्ली में ग्रीन पटाखों के नियम: इस वर्ष धनतेरस और दिवाली के अवसर पर पटाखों की बिक्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ नरम रुख अपनाया है। कोर्ट ने ग्रीन पटाखों को जलाने और बेचने की अनुमति दी है, लेकिन कुछ शर्तों के साथ।
18 अक्टूबर (धनतेरस) से 20 अक्टूबर (दिवाली) तक, केवल ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति होगी। अन्य दिनों में पटाखों का जलाना या बेचना पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। आइए जानते हैं कि ग्रीन पटाखे क्या हैं, इन्हें जलाने के नियम क्या हैं, और ये पारंपरिक पटाखों से किस प्रकार भिन्न हैं।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश और दिल्ली पुलिस की तैयारी
15 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दिल्ली-NCR में केवल प्रमाणित ग्रीन पटाखों की बिक्री और जलाने की अनुमति है। इसके बाद, 16 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस ने दिशा-निर्देश जारी किए, जिसमें कहा गया कि बिना QR कोड या प्रतिबंधित रासायनिक तत्वों वाले पटाखों की बिक्री अवैध होगी। दिल्ली पुलिस और प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) की टीमें अब बाजारों में कड़ी निगरानी रख रही हैं।
पटाखे जलाने का समय
दिल्ली में ग्रीन पटाखे जलाने के लिए दो समय-सीमाएं निर्धारित की गई हैं। छोटी दिवाली और दिवाली (20 अक्टूबर) को सुबह 6 से 7 बजे और रात 8 से 10 बजे तक ही पटाखे जलाए जा सकते हैं। इन समय-सीमाओं के बाहर पटाखे जलाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ग्रीन पटाखे: विशेषताएँ
ग्रीन पटाखे पारंपरिक पटाखों का कम प्रदूषण वाला विकल्प हैं। इन्हें वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) और राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (NEERI) द्वारा विकसित किया गया है। इनमें कम रासायनिक तत्वों का उपयोग होता है, जिससे धुआं और जहरीली गैसें कम निकलती हैं।
इनमें बोरियम और भारी धातुओं का उपयोग नहीं होता, और एल्यूमिनियम व सल्फर की मात्रा भी कम होती है। धूल कम करने वाले तत्व और छोटे आकार के खोल के कारण ये 30% तक कम वायु प्रदूषण करते हैं। साथ ही, सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NO₂) का उत्सर्जन 10% तक कम होता है।
ग्रीन पटाखों की विभिन्न श्रेणियाँ
ग्रीन पटाखों में कई प्रकार शामिल हैं, जैसे SWAS (Safe Water Releasable), STAR (Safe Thermite Cracker), और SAFAL (Safe Minimal Aluminium)। ये पटाखे पारंपरिक पटाखों की तरह ही रोशनी और आवाज पैदा करते हैं, लेकिन कम प्रदूषण फैलाते हैं। इनकी आवाज 100 से 120 डेसिबल के बीच होती है, जो तय मानकों के अनुसार है।
असली ग्रीन पटाखों की पहचान
असली ग्रीन पटाखों को पहचानने के लिए दो संकेत हैं। पहला, इनके पैकेट पर ‘ग्रीन फायरवर्क्स’ का आधिकारिक लोगो होना चाहिए। दूसरा, एक यूनिक QR कोड होना आवश्यक है। इस QR कोड को CSIR-NEERI Green QR Code मोबाइल ऐप से स्कैन करके आप पटाखे के निर्माता, रासायनिक संरचना और NEERI सर्टिफिकेशन की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
निगरानी और कार्रवाई
दिल्ली पुलिस और DPCC की टीमें बाजारों में गश्त कर रही हैं और दुकानों पर QR कोड और NEERI लोगो की जांच कर रही हैं। यदि कहीं नकली या प्रतिबंधित तत्वों वाले पटाखे पाए जाते हैं, तो उन्हें तुरंत जब्त किया जाएगा और कार्रवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने बोरियम युक्त पटाखों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है।