देव दीपावली 2025: तिथि, मुहूर्त और पर्व मनाने की विधि
देव दीपावली, जिसे देवताओं की दीपावली कहा जाता है, 05 नवंबर 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन देवता गंगा में स्नान करते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं। जानें इस पर्व की तिथि, मुहूर्त और इसे मनाने की विधि। दीपों की रोशनी से काशी जगमगाएगी, और इस दिन की विशेष पूजा से जीवन में सुख और समृद्धि आएगी।
Nov 5, 2025, 10:14 IST
देव दीपावली का महत्व
देव दीपावली, जिसे देवताओं की दीपावली भी कहा जाता है, का उत्सव काशी में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष, यह पर्व 05 नवंबर 2025 को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन देवता स्वयं पृथ्वी पर आते हैं, गंगा नदी में स्नान करते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हुए दीप जलाते हैं। इस अवसर पर बनारस दीपों की रोशनी से जगमगाता है। आइए, देव दीपावली की तिथि, मुहूर्त और इसके महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं...
तिथि और मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, 04 नवंबर की रात 10:36 बजे से कार्तिक पूर्णिमा की शुरुआत होती है। वहीं, 05 नवंबर की शाम 06:48 बजे इस तिथि का समापन होगा। इस प्रकार, उदयातिथि के अनुसार देव दीपावली का पर्व 05 नवंबर 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन काशी और देशभर के शिव मंदिरों तथा गंगा तटों पर भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त
इस दिन पूजा और दीपदान के लिए प्रदोष काल का मुहूर्त सबसे शुभ माना जाता है। प्रदोष काल 05:15 बजे से लेकर 07:50 बजे तक रहेगा, जो कुल 02 घंटे 35 मिनट का होगा। धार्मिक मान्यता है कि इसी समय देवता पृथ्वी पर आते हैं। गंगा तट पर दीपों की रोशनी से वातावरण अलौकिक हो उठता है।
देव दीपावली मनाने की विधि
कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। यदि आप गंगा स्नान नहीं कर सकते, तो घर पर स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद, घर के मंदिर को साफ करके भगवान विष्णु, भगवान शिव, भगवान गणेश, लक्ष्मी देवी और अन्य देवी-देवताओं की विधिविधान से पूजा करें। पूजा के बाद दीपक जलाकर मंदिर, घर की चौखट और आंगन को सजाएं।
शाम के समय प्रदोष काल में भगवान शिव की विशेष पूजा करें। भगवान शिव को फल, फूल, धूप और दूध अर्पित करें। आरती करने के बाद परिवार के साथ दीपदान करें। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन गंगा नदी में दीपक प्रवाहित करने से जातक के पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति एवं समृद्धि आती है।
देव दीपावली का पर्व प्रकाश, भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। इस दिन काशी के घाटों पर हजारों दीप जलाए जाते हैं, जो ब्रह्मांड की दिव्यता का अद्भुत दर्शन कराते हैं। देव दीपावली के दिन देवता स्वयं शिवनगरी आकर भगवान शिव की आराधना करते हैं।