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नवरात्रि में मां कुष्मांडा को प्रसन्न करने के लिए भोग अर्पित करें

नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन भक्त मां को प्रिय भोग अर्पित करते हैं, जैसे मालपुआ, पेठा और मौसमी फल। मां कुष्मांडा की कृपा से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। जानें इस दिन के लिए भोग अर्पित करने की विधि और मंत्रों का जाप कैसे करें।
 

मां कुष्मांडा की कृपा से संभव होते हैं असंभव कार्य


नवरात्र का हर दिन मां दुर्गा के विभिन्न रूपों को समर्पित होता है। चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है, जिन्हें सृष्टि की मूल शक्ति माना जाता है। यह मान्यता है कि मां कुष्मांडा की कृपा से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं और भक्तों के जीवन में अंधकार मिटकर प्रकाश फैलता है। मां कुष्मांडा ने अपनी मुस्कान से सृष्टि की रचना की, इसलिए उन्हें सृष्टि की आदि स्वरूपा माना जाता है।


भोग अर्पित करने की विधि

इन चीजों का लगाए भोग



  • मालपुआ: मां कुष्मांडा को मालपुआ बहुत प्रिय है। चौथे दिन इस भोग का अर्पण करना शुभ माना जाता है। इसके साथ मौसमी फल, लाल फूल और देसी घी का दीपक अर्पित करने से मां प्रसन्न होती हैं। मान्यता है कि मालपुए का भोग लगाने से बुद्धि का विकास होता है और परिवार में सुख-शांति आती है।

  • पीले रंग का केसर वाला पेठा: पूजा में पीले रंग का केसर वाला पेठा अर्पित करना चाहिए। कुछ भक्त सफेद पेठे का भी भोग चढ़ाते हैं।

  • पेठे का हलवा: सफेद कद्दू को कद्दूकस करके घी में भूनें और चीनी-केसर मिलाकर गाढ़ा करें। यह विशेष पकवान रोग नाश के लिए है।

  • विविध फल भोग: मौसमी फलों की थाली में सेब, केला, अनार और अमरूद शामिल करें। मां को फल प्राकृतिक ऊर्जा के प्रतीक लगते हैं।

  • कुम्हड़े की सब्जी या हलवा: कुम्हड़े को घी में भूनकर चीनी मिलाएं। यह शाकाहारी भोग व्रतियों के लिए उपयुक्त है।

  • ये सामान करें अर्पित: चौथे नवरात्र पर मां को लाल या सफेद वस्त्र, श्रृंगार का सामान और सुगंधित धूप अर्पित करें।

  • चमेली के फूल: मां कुष्मांडा को पीले और चमेली के फूल चढ़ाने से साधक को आरोग्य जीवन की प्राप्ति होती है।


मंत्रों का जाप

इन मंत्रों का करें जाप



  • सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
    दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

  • ऐं ह्री देव्यै नम: