नवरात्रि में मां शैलपुत्री की पूजा और रंगों का महत्व
नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा को समर्पित है, जिसमें हर दिन का एक विशेष रंग होता है। इस लेख में हम जानेंगे कि मां शैलपुत्री की पूजा कैसे की जाती है और नवरात्रि के दौरान किन रंगों के वस्त्र पहनने का महत्व है। 22 सितंबर से शुरू होने वाले इस पर्व में मां शैलपुत्री की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष मंत्र और भोग अर्पित करने की विधि भी साझा की गई है। जानें इस नवरात्रि में आप किस रंग के कपड़े पहन सकते हैं और उनका क्या अर्थ है।
Sep 21, 2025, 15:36 IST
नवरात्रि का महत्व और मां दुर्गा की पूजा
शारदीय नवरात्रि एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो मां दुर्गा को समर्पित है। इस पर्व के हर दिन का एक विशेष रंग होता है, जो विभिन्न क्षेत्रों और परंपराओं के अनुसार भिन्न हो सकता है, लेकिन यह सभी में एक प्रतीकात्मक महत्व रखता है। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इस लेख में हम जानेंगे कि मां शैलपुत्री की कृपा कैसे प्राप्त करें। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए इन 9 रंगों में से वस्त्र पहनना आवश्यक है। ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और देवी मां भी प्रसन्न होती हैं। आइए जानते हैं कि इस नवरात्रि में आप किन रंगों के वस्त्र पहन सकते हैं और उनका क्या महत्व है।
पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा
नवरात्रि का पर्व 22 सितंबर से शुरू हो रहा है। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है, जो पर्वतराज की पुत्री और शक्ति की जननी मानी जाती हैं। मां शैलपुत्री का नाम 'शैल' (पर्वत) और 'पुत्री' (बेटी) से लिया गया है। उन्हें हिमालय की पुत्री माना जाता है। मां का स्वरूप एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे में कमल का फूल लिए हुए है, और वे बैल पर विराजमान होती हैं। मां का स्वरूप शांत और दयालु है। मां शैलपुत्री को सफेद मिठाई बहुत प्रिय होती है। इस दिन आप पेठा या दूध की मिठाई का भोग अर्पित कर सकते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां शैलपुत्री की कृपा से घर के सभी क्लेश और नकारात्मक शक्तियां समाप्त हो जाती हैं। पूजा के दौरान इस मंत्र “ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः” का जाप अवश्य करें। इससे मानसिक शांति, आध्यात्मिक बल, और घर में सुख-शांति प्राप्त होती है।
नवरात्रि में रंगों का महत्व
- सफेद: पहले दिन का रंग सफेद है, जो देवी शैलपुत्री का प्रतीक है। यह शांति और स्थिरता से जुड़ा है। आप 22 सितंबर को सफेद वस्त्र पहन सकते हैं।
- लाल: दूसरे दिन का रंग लाल है, जो प्रेम और उत्साह का प्रतीक है। इस दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है, इसलिए लाल वस्त्र पहनें।
- रॉयल ब्लू: तीसरे दिन का रंग रॉयल ब्लू है, जो संतुलन और शांति का प्रतीक है। देवी चंद्रघंटा की पूजा इस दिन की जाती है।
- पीला: चतुर्थी का रंग पीला है, जो बुद्धि और खुशी का प्रतीक है। यह उगते सूरज का भी प्रतीक है।
- हरा: पंचमी का रंग हरा है, जो प्रकृति और विकास का प्रतीक है। यह कुष्मांडा की पूजा से जुड़ा है।
- ग्रे: छठे दिन का रंग ग्रे है, जो संतुलन का प्रतीक है। देवी स्कंदमाता की पूजा इस दिन होती है।
- नारंगी: सप्तमी का रंग नारंगी है, जो उत्साह का प्रतीक है। इस दिन देवी कात्यायनी की पूजा होती है।
- रमा ग्रीन: अष्टमी का रंग रमा है, जो समृद्धि और शांति का प्रतीक है।
- गुलाबी- नवमी का रंग गुलाबी है, जो ज्ञान और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। यह देवी महागौरी को समर्पित है।