नवरात्रि: शक्ति की आराधना का महापर्व
नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के लिए समर्पित है, जो शक्ति और साहस का प्रतीक है। यह त्योहार वसंत और शरद ऋतु में मनाया जाता है, जिसमें भक्त उपवास रखते हैं और भक्ति में लीन रहते हैं। नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा की आराधना के साथ-साथ आध्यात्मिक शुद्धि का भी महत्व है। जानें इस पर्व की पूजा विधि और धार्मिक महत्व के बारे में।
Sep 24, 2025, 11:22 IST
नवरात्रि का महत्व और पूजा
नवरात्रि का त्योहार मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के लिए समर्पित है, जिन्हें शक्ति, साहस और नारी सशक्तिकरण का प्रतीक माना जाता है। 'नवरात्रि' का अर्थ है 'नौ रातें', और इस दौरान भक्त देवी दुर्गा की विशेष पूजा करते हैं, उपवास रखते हैं और भक्ति में लीन रहते हैं। यह पर्व वसंत ऋतु में चैत्र नवरात्रि और शरद ऋतु में शरद नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। शरद नवरात्रि आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर में आती है, जबकि चैत्र नवरात्रि मार्च या अप्रैल में मनाई जाती है।
नवरात्रि का धार्मिक महत्व
वसंत और शरद ऋतु की शुरुआत, जलवायु और सूर्य के प्रभावों का महत्वपूर्ण संगम माना जाता है। ये अवसर मां दुर्गा की पूजा के लिए पवित्र माने जाते हैं। त्योहार की तिथियां चंद्र कैलेंडर के अनुसार निर्धारित होती हैं। नवरात्रि के पहले तीन दिन देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित होते हैं, जिसमें उनकी ऊर्जा और शक्ति की आराधना की जाती है।
नवदुर्गा के रूप
नवरात्रि के नौ दिनों में आदिशक्ति जगदम्बा के नौ विभिन्न रूपों की आराधना की जाती है। ये दिन भारतीय धर्म और दर्शन में ऐतिहासिक महत्व रखते हैं। माता के इन नौ रूपों को नवदुर्गा कहा जाता है, जिनमें शैलपुत्री, ब्रह्माचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंद माता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री शामिल हैं।
नवरात्रि का उत्सव
नवरात्रि साल में चार बार आता है, जिसमें चैत्र, आषाढ़, अश्विन और पौष प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। इस दौरान महालक्ष्मी, सरस्वती और दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है। यह पर्व असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है।
नवरात्रि की पूजा विधि
नवरात्रि के पहले दिन बालिकाओं की पूजा की जाती है, दूसरे दिन युवतियों की पूजा होती है, और तीसरे दिन परिपक्व महिलाओं की पूजा की जाती है। इस पर्व के अंतिम दिन, महानवमी पर, नौ जवान लड़कियों की पूजा की जाती है, जिन्हें देवी दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक माना जाता है।
नवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व
नवरात्रि के दौरान उपवास करने से शरीर से विषाक्त पदार्थ निकल जाते हैं, जिससे स्वास्थ्य में सुधार होता है। ध्यान, योग और भक्ति से मन को शांति मिलती है, और तनाव कम होता है। यह पर्व अंतःशुद्धि का महापर्व है, जो आज के प्रदूषित वातावरण में और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।