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पंजाब में बायोमास से हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए समझौता

पंजाब ने बायोमास, विशेषकर धान के भूसे से हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। इस पहल का उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा नवाचार को बढ़ावा देना और किसानों को सशक्त बनाना है। यह परियोजना न केवल पर्यावरण को स्वच्छ बनाएगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगी। जानें इस समझौते के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित लाभ।
 

हरित हाइड्रोजन उत्पादन की नई पहल

चंडीगढ़: पंजाब के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री अमन अरोड़ा ने मंगलवार को जानकारी दी कि पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पेडा) ने बायोमास, विशेषकर धान के भूसे से हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलुरु के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस समझौते पर पेडा की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नीलिमा और आईआईएससी बेंगलुरु के रजिस्ट्रार ने हस्ताक्षर किए। इसका औपचारिक आदान-प्रदान श्रीमती नीलिमा और आईआईएससी के इंटरडिसिप्लिनरी सेंटर फॉर एनर्जी रिसर्च (आईसीईआर) के प्रोफेसर एस. दासप्पा की उपस्थिति में सरदार स्वर्ण सिंह राष्ट्रीय जैव ऊर्जा संस्थान (एसएसएस-एनआईबीई), कपूरथला में आयोजित जैव ऊर्जा अनुसंधान पर पांचवें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान हुआ।


इस सहयोग के लिए पेडा को बधाई देते हुए अरोड़ा ने कहा कि आईआईएससी के साथ यह साझेदारी स्वच्छ ऊर्जा नवाचार के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसमें कृषि अपशिष्ट का उपयोग ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह पहल एक चक्रीय अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण है, जो किसानों को सशक्त बनाएगी, पर्यावरण को स्वच्छ रखेगी और उद्योगों को कार्बन-मुक्त ऊर्जा प्रदान करेगी, जिससे एक मजबूत, स्वच्छ और ऊर्जा-स्वतंत्र पंजाब का निर्माण होगा।


अरोड़ा ने आगे कहा कि यह परियोजना पराली जलाने की समस्या का समाधान करेगी, वायु गुणवत्ता में सुधार लाएगी और किसानों के लिए नए राजस्व स्रोत उत्पन्न करके तथा हरित ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करके ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह पहल भारत के राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को महत्वपूर्ण रूप से आगे बढ़ाएगी और पंजाब के महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को समर्थन प्रदान करेगी।