पतंजलि विश्वविद्यालय में चिकित्सा विज्ञान पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन
पतंजलि विश्वविद्यालय, पतंजलि अनुसंधान संस्थान और केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने मिलकर दो दिवसीय अनामयम अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। यह सम्मेलन आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा के समन्वय के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। इसमें 16 राज्यों के लगभग 200 शैक्षणिक संस्थानों से 300 से अधिक प्रतिभागियों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से भाग लिया।
विशेषज्ञों की भागीदारी
इस सम्मेलन में देश के विभिन्न उच्च चिकित्सा और शिक्षण संस्थानों के चिकित्सा विशेषज्ञ, शोधकर्ता, नीति निर्माता और स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ शामिल हुए और अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति स्वामी रामदेव ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने बताया कि जल्द ही लोक कल्याण के दृष्टिकोण से एम्स, टाटा कैंसर अस्पताल और सर गंगा राम हॉस्पिटल के सहयोग से पतंजलि आयुर्वेद चिकित्सालय में आधुनिक पद्धतियों से कम लागत में विश्वस्तरीय उपचार उपलब्ध कराया जाएगा।
पुस्तकों का विमोचन
उद्घाटन सत्र में योग ऋषि स्वामी रामदेव, पतंजलि विवि के कुलपति आचार्य बालकृष्ण और अन्य अतिथियों ने तीन महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन किया, जिनमें आयुर्वेद अवतरण, इंटीग्रेटेड पैथी और सम्मेलन की सार पुस्तिका शामिल हैं। इस दौरान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड़ से आए डॉ. श्रेया, डॉ. राधिका और डॉ. मुकेश ने पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण के साथ शिक्षा और शोध को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
चिकित्सा पद्धतियों पर चर्चा
विश्व की प्रमुख चिकित्सा पद्धतियों पर विचार
स्वामी रामदेव ने साक्ष्य आधारित चिकित्सा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि चिकित्सा विज्ञान का उद्देश्य लोक कल्याण होना चाहिए, न कि धन अर्जन। आचार्य बालकृष्ण ने विश्व की 9 प्रमुख चिकित्सा पद्धतियों पर चर्चा की और बताया कि आयुर्वेद अपनी क्षमताओं के कारण प्रसिद्ध है, जबकि अन्य पद्धतियाँ स्थान विशेष या परंपरा के कारण जानी जाती हैं। उन्होंने महर्षि चरक और आचार्य सुश्रुत के कालखंड के बारे में भी जानकारी दी।
समग्र नैदानिक प्रकरण पर चर्चा
दूसरे सत्र में चर्चा
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में समग्र नैदानिक प्रकरण पर चर्चा की गई, जिसकी अध्यक्षता प्रोफेसर डॉ. गोपाल सी. नंदा और प्रोफेसर पुलक मुखर्जी ने की। इसमें सीओपीडी के निदान पर दो वक्ताओं ने अपने शोध प्रस्तुत किए। इसके बाद भगंदर के निदान पर भी शोध प्रस्तुत किए गए।
पोस्टर सत्र का आयोजन
पोस्टर सत्र का आयोजन
समांतर चल रहे पोस्टर सत्र की अध्यक्षता डॉ. प्रदीप नयन, डॉ. रश्मि अतुल जोशी, डॉ. कनक सोनी और डॉ. रमाकांत मर्दे ने की। उद्घाटन सत्र में स्वामी रामदेव जी महाराज और आचार्य बालकृष्ण महाराज ने मुख्य अतिथियों का स्वागत किया। इसके बाद दीप प्रज्ज्वलन और पतंजलि विवि के चंद्रमोहन द्वारा कुल गीत और धनवंतरि वंदना की प्रस्तुति के साथ सम्मेलन का शुभारंभ हुआ।
कार्यक्रम में उपस्थित लोग
उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
कार्यक्रम में केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास बरखेडी, डॉ. विपिन कुमार, डॉ. सुनील आहुजा, पद्मश्री डॉ. बीएन गंगाधर और डॉ. विशाल मागो ने भी अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम के पहले सत्र का संचालन डॉ. बीएन गंगाधर और प्रोफेसर डी गोपाल सी. नंदा ने किया।