पापांकुशा एकादशी: पूजा विधि और व्रत नियम
पापांकुशा एकादशी का पर्व आज मनाया जा रहा है, जिसमें भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत रखने से सभी दुखों से मुक्ति और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। जानें इस पर्व का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और दान का महत्व।
Oct 3, 2025, 05:50 IST
पापांकुशा एकादशी का महत्व
जानें पूजा विधि और व्रत नियम
पापांकुशा एकादशी, जो वैदिक पंचांग के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है, आज के दिन विशेष रूप से मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को विधिपूर्वक करने से सभी दुखों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
पापांकुशा एकादशी का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष पापांकुशा एकादशी का पर्व 03 अक्टूबर को मनाया जाएगा। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का समापन 03 अक्टूबर को शाम 06:32 बजे होगा। व्रत का पारण 04 अक्टूबर को किया जाएगा, जिसमें सुबह 06:16 से 08:37 बजे तक का समय है।
दान का महत्व
करें इन चीजों का दान
- एकादशी तिथि पर अन्न और धन का दान करना विशेष महत्व रखता है। ऐसा करने से साधक को जीवन में कोई कमी नहीं होती और धन में वृद्धि होती है।
- इसके अलावा, पीले फल और वस्त्र का दान भी शुभ माना जाता है, क्योंकि भगवान विष्णु को पीला रंग प्रिय है। इनका दान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
पापांकुशा एकादशी पूजा विधि
पापांकुशा एकादशी पूजा विधि
- सुबह स्नान कर पीले वस्त्र पहनें।
- मंदिर की सफाई करें।
- चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।
- चंदन का तिलक और पीले फूल अर्पित करें।
- देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें और व्रत कथा का पाठ करें।
- फल और मिठाई का भोग लगाएं।
- जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें।
- गरीबों में अन्न और धन का दान करें।
विष्णु मंत्र
1. शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्