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पितृ पक्ष में पितरों की तस्वीर लगाने की सही दिशा

पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों की कृपा प्राप्त करने के लिए सही दिशा में तस्वीर लगाना आवश्यक है। इस लेख में जानें कि किस दिशा में पितरों की तस्वीर लगानी चाहिए और किन स्थानों पर इसे नहीं लगाना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा को सबसे उपयुक्त माना गया है। जानें और अपने जीवन में सुख-समृद्धि लाएं।
 

पूर्वजों की कृपा के लिए दिशा का महत्व


प्रसन्न होंगे पूर्वज
पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों की कृपा प्राप्त करने के लिए तर्पण, श्राद्ध कर्म और पिंडदान का महत्व होता है। इस समय पितरों की तस्वीर को घर में लगाना आवश्यक है, लेकिन इसे लगाने की दिशा का ध्यान रखना भी जरूरी है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, सही दिशा में तस्वीर लगाने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।


गलत दिशा में तस्वीर लगाना हो सकता है नुकसानदायक

वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि पितरों की तस्वीर गलत दिशा में लगाई जाती है, तो यह जीवन में कई समस्याएं उत्पन्न कर सकती हैं और इससे पितृ नाराज हो सकते हैं।


इन जगहों पर न लगाएं पितरों की तस्वीर

किचन और बेडरूम में पितरों की तस्वीर लगाना वर्जित है। ऐसा माना जाता है कि इन स्थानों पर तस्वीर लगाने से पितृ नाराज हो सकते हैं, जिससे जीवन में बाधाएं आ सकती हैं।


इस दिशा में लगाएं

वास्तु के अनुसार, पितृ पक्ष में पितरों की तस्वीर लगाने के लिए दक्षिण दिशा सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इस दिशा में तस्वीर लगाने से परिवार के सदस्यों पर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है, जिससे जीवन में सुख और समृद्धि आती है।


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