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पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा 2025: भीषण गर्मी से श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ी

27 जून 2025 को पुरी में आयोजित जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भीषण गर्मी और उमस ने सैकड़ों श्रद्धालुओं की तबीयत बिगाड़ दी। लगभग 625 लोगों को चिकित्सा सहायता की आवश्यकता पड़ी, जिसमें से कई बेहोश हो गए। ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री ने गर्म मौसम को इस स्वास्थ्य संकट का कारण बताया। रथ यात्रा के दौरान रथ के फंसने से भीड़ में और भी मुश्किलें आईं। राहत कार्य में सरकारी और निजी संगठनों ने तत्परता दिखाई। जानें इस घटना के बारे में विस्तार से।
 

जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 का हाल

जगन्नाथ रथ यात्रा 2025: 27 जून 2025 को पुरी में आयोजित विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान अत्यधिक गर्मी, उमस और भीड़ ने कई श्रद्धालुओं की सेहत को प्रभावित किया। अधिकारियों के अनुसार, लगभग 625 लोगों को चिकित्सा सहायता की आवश्यकता पड़ी। इनमें से कई श्रद्धालुओं में उल्टी, बेहोशी और मामूली चोटों के लक्षण देखे गए। पुरी के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी, डॉ. किशोर सतपथी ने बताया कि अधिकांश प्रभावित व्यक्तियों को ओपीडी में प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। सौभाग्य से, किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।


ओडिशा के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मुकेश महालिंग ने इस स्वास्थ्य संकट के लिए गर्म और उमस भरे मौसम को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, 'जुलूस के दौरान दमनकारी मौसम ने श्रद्धालुओं की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाला।' पुरी के जिला मुख्यालय अस्पताल में लगभग 70 लोगों को भर्ती किया गया, जिनमें से नौ की स्थिति गंभीर बताई गई। गर्मी और भीड़ के कारण कई लोग बेहोश हो गए या घायल हो गए।


बालगांडी में रथ फंसने से बढ़ी कठिनाई

रथ यात्रा के दौरान भगवान बलभद्र का तलध्वज रथ बालगांडी क्षेत्र में एक घंटे से अधिक समय तक फंस गया। एक मोड़ पर रथ को चलाने में कठिनाई के कारण जुलूस धीमा हो गया, जिससे भारी भीड़ जमा हो गई। प्रतिबंधित क्षेत्रों में श्रद्धालुओं का प्रवेश स्थिति को और जटिल बना दिया। भीड़ में फंसे कई लोग घायल हो गए, क्योंकि वे बचने की कोशिश कर रहे थे।


तत्काल राहत और बचाव कार्य

हादसे के बाद सरकारी और निजी संगठनों के स्वयंसेवकों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया। घायलों को भीड़ से निकालकर नजदीकी अस्पतालों और चिकित्सा शिविरों में पहुंचाया गया। पुरी मेडिकल कॉलेज और जिला मुख्यालय अस्पताल में चिकित्सा टीमें सक्रिय रहीं। एम्बुलेंस, राहत टीमें और 430 लाइफगार्ड्स ने स्थिति को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


पुरी प्रशासन ने रथ यात्रा के लिए व्यापक तैयारियां की थीं। 10,000 सुरक्षाकर्मी, 275 एआई-सक्षम सीसीटीवी कैमरे और 74 एम्बुलेंस तैनात किए गए थे। इसके बावजूद, लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ और गर्म मौसम ने प्रबंधन को चुनौतीपूर्ण बना दिया। स्वास्थ्य विभाग ने 378 चिकित्सा पेशेवर और 265 अस्पताल बेड की व्यवस्था की थी। इसके अलावा, हीटस्ट्रोक के लिए विशेष केंद्र और स्वच्छ पानी की व्यवस्था भी की गई थी।