फ्लोरल बायोडिग्रेडेबल राखी: पर्यावरण के अनुकूल विकल्प
फ्लोरल बायोडिग्रेडेबल राखी का महत्व
रक्षाबंधन: हर वर्ष रक्षाबंधन के बाद लाखों राखियां कूड़े में फेंकी जाती हैं, जिनमें से अधिकांश प्लास्टिक से बनी होती हैं। ये राखियां नष्ट नहीं होती हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान होता है। लखनऊ के नेशनल बोटेनिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट ने फ्लोरल बायोडिग्रेडेबल राखियों का निर्माण किया है, जो प्राकृतिक सामग्रियों से बनाई गई हैं। यह एक नया और सुरक्षित विकल्प है, जो पर्यावरण की रक्षा करता है। आइए, इस राखी के बारे में और जानें।
फ्लोरल बायोडिग्रेडेबल राखी क्या है?
ये राखियां प्लास्टिक के बजाय प्राकृतिक सामग्रियों से बनाई जाती हैं। इन्हें रक्षाबंधन के बाद भी इस्तेमाल किया जा सकता है। फ्लोरल बायोडिग्रेडेबल राखी फूलों, बीजों, कॉटन और अन्य इको-फ्रेंडली सामग्रियों से निर्मित होती है। ये राखियां पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाती हैं और उपयोग के बाद मिट्टी में मिलकर बायोडिग्रेड हो जाती हैं। इसका मतलब है कि इन्हें पूरी तरह से नष्ट करके खाद या पौधा बनाया जा सकता है।
फ्लोरल बायोडिग्रेडेबल राखी की विशेषताएं
इस राखी को बनाने के लिए सूखे फूलों जैसे गेंदा या गुलाब का उपयोग किया जाता है। इसमें तुलसी, सूरजमुखी, मेथी और पालक जैसे पौधों के बीज होते हैं। राखी का धागा ऑर्गेनिक कॉटन से बना होता है और चिपकाने के लिए बायोडिग्रेडेबल गोंद का इस्तेमाल किया जाता है।
फ्लोरल बायोडिग्रेडेबल राखी के लाभ
- इको-फ्रेंडली: ये राखियां पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाती हैं।
- बीज वाली राखी लगाने पर पौधा उगाया जा सकता है।
- ये राखियां मिट्टी में मिल जाती हैं, इसलिए कोई कचरा नहीं बचता।
- ऐसी राखियां त्वचा के लिए सुरक्षित हैं और इससे एलर्जी नहीं होती।
फ्लोरल बायोडिग्रेडेबल राखी की कीमत
ये राखियां विभिन्न दामों में उपलब्ध हैं। एक साधारण फ्लोरल राखी की कीमत 30 से 80 रुपये के बीच होती है। बीज वाली बायोडिग्रेडेबल राखी की कीमत लगभग 60 से 150 रुपये प्रति पीस हो सकती है। वहीं, थोड़ी फैंसी या हैंडमेड कस्टम बायोडिग्रेडेबल राखी की कीमत प्रति पीस 150 रुपये से शुरू होती है।
कहां से खरीदें?
आप इन राखियों को ऑनलाइन खरीद सकते हैं। फ्लिपकार्ट, अमेज़न जैसी वेबसाइटों पर ये उपलब्ध हैं। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर भी कुछ पेज हैं जो ऐसी राखियां बेचते हैं। कुछ अच्छी दुकानों पर भी ये राखियां मिलने लगी हैं।
उपयोग के बाद क्या करें?
इन्हें मिट्टी में गाड़ दें और रोज थोड़ा पानी डालें ताकि कुछ हफ्तों में पौधा उग सके। यदि राखी बीज वाली नहीं है, तो उसे पौधे में डाल दें, इससे वह खाद में परिवर्तित हो जाएगी।