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बड़ी दिवाली 2025: पूजा का समय और विधि जानें

दिवाली का पर्व हर साल खुशी और रौनक लेकर आता है। 2025 में बड़ी दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 7:08 से रात 8:18 बजे तक रहेगा। जानें पूजा की विधि और कैसे इस खास दिन को और भी खास बनाया जा सकता है।
 

बड़ी दिवाली कब है और लक्ष्मी पूजा का सही समय?

बड़ी दिवाली कब है और लक्ष्मी पूजा?: दिवाली का पर्व आते ही हर जगह खुशी का माहौल बन जाता है। घरों में सजावट, दीयों और आतिशबाजियों से रौनक छा जाती है। लेकिन कई बार बड़ी दिवाली की तारीख और पूजा के समय को लेकर लोग उलझन में पड़ जाते हैं।


यदि आप यह जानने के इच्छुक हैं कि 2025 में बड़ी दिवाली कब मनाई जाएगी या लक्ष्मी पूजा का सही समय और विधि क्या है, तो यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण है। यहां हम आपको बड़ी दिवाली 2025 की सही तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि सरल भाषा में बता रहे हैं। आइए, इस विशेष पर्व को और भी खास बनाने के लिए तैयार हो जाएं!


बड़ी दिवाली 2025: तारीख

साल 2025 में बड़ी दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। यह दिन विशेष महत्व रखता है क्योंकि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था और 16,100 कन्याओं को उसकी कैद से मुक्त किया था। इस दिन लोग मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।


बड़ी दिवाली का शुभ मुहूर्त

बड़ी दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त 20 अक्टूबर को शाम 7:08 बजे से रात 8:18 बजे तक रहेगा। इस दौरान पूजा करने के लिए 1 घंटा 11 मिनट का समय मिलेगा। इस समय पूजा करने से घर में धन-धान्य और खुशहाली का आशीर्वाद प्राप्त होता है।


बड़ी दिवाली की पूजा विधि

बड़ी दिवाली की पूजा को विशेष बनाने के लिए सही विधि का पालन करना आवश्यक है। सबसे पहले पूजा स्थल को अच्छे से साफ करें और वहां गंगाजल छिड़कें। पूजा में पवित्रता और सात्विकता का ध्यान रखें। अब पूजा स्थल पर स्वास्तिक बनाएं और उस पर चावल रखें। इसके बाद एक लकड़ी का पाट लें और उस पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं। इस पाट पर मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। मूर्ति या चित्र को गंगाजल से साफ करें।


अब उनके सामने धूपबत्ती, अगरबत्ती और दीप जलाएं। पूजा स्थल को सजाने के लिए केले के पत्ते और गन्ना रखें। मां लक्ष्मी को उनकी प्रिय चीजें जैसे कमल का फूल, सिंघाड़ा, पीली मिठाई, कमल गट्टे आदि अर्पित करें। इसके बाद षोडशोपचार पूजा करें। मां लक्ष्मी को फूलों की माला पहनाएं और हल्दी, कुमकुम व चावल लगाएं। अनामिका अंगुली से चंदन, कुमकुम, अबीर, गुलाल, हल्दी और मेहंदी जैसी सुगंधित चीजें चढ़ाएं।


सभी सामग्री अर्पित करने के बाद मां लक्ष्मी की आरती करें। आरती में घर के सभी सदस्यों को शामिल होना चाहिए। पूजा के बाद प्रसाद चढ़ाएं। ध्यान रखें कि प्रसाद में नमक, मिर्च या तेल का इस्तेमाल न करें। हर थाली पर तुलसी का पत्ता जरूर रखें। इस तरह पूजा करने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।