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बदरीनाथ यात्रा: कपाट बंद होने की तिथि और श्रद्धालुओं की संख्या

उत्तराखंड के बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद होंगे। इस वर्ष लाखों श्रद्धालुओं ने धाम के दर्शन किए हैं, और कपाट बंद होने से पहले यात्रा जारी रहेगी। जानें कपाट बंद होने की तिथियां और धार्मिक परंपराएं।
 

बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि

बदरीनाथ यात्रा: उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट इस वर्ष 25 नवंबर को दोपहर 2:56 बजे शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। यह घोषणा विजयदशमी के अवसर पर मंदिर परिसर में आयोजित धार्मिक समारोह के दौरान रावल अमरनाथ नंबूदरी ने की। कपाट बंद करने की तिथि धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल और वेदपाठी विद्वानों द्वारा पंचांग गणना के आधार पर निर्धारित की गई है।


कपाट बंद होने से पहले परंपरागत पंच पूजाएं 21 नवंबर से आरंभ होंगी।


  • 21 नवंबर – भगवान गणेश की पूजा और उनके कपाट बंद
  • 22 नवंबर – आदि केदारेश्वर मंदिर एवं शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद
  • 23 नवंबर – खडग-पुस्तक पूजन एवं वेद ऋचाओं का वाचन समाप्त
  • 24 नवंबर – मां लक्ष्मी को कढ़ाई भोग अर्पित
  • 25 नवंबर – दोपहर 2:56 बजे श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद


इसके बाद 26 नवंबर को रावल जी, श्री कुबेर जी और उद्धव जी की गद्दी पांडुकेश्वर स्थित श्री नृसिंह मंदिर के लिए प्रस्थान करेगी।


इस वर्ष लाखों श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

मानसून की आपदा के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ है। अब तक 14,20,357 से अधिक तीर्थयात्रियों ने बदरीनाथ धाम और 16,02,420 से ज्यादा ने केदारनाथ धाम के दर्शन किए हैं। इस प्रकार, दोनों धामों में कुल 30 लाख 22 हजार 777 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने बताया कि कपाट बंद होने से पहले एक माह तक यात्रा जारी रहेगी और भक्त भगवान के दर्शन का लाभ उठा सकते हैं।


हक-हकूकधारियों को दी गई पगड़ी

धार्मिक परंपरा के अनुसार कपाट बंद होने की घोषणा के समय हक-हकूकधारियों को सम्मानित किया गया। बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने वर्ष 2026 के लिए धारियों को पगड़ी भेंट की। इसमें भंडारी थोक से मनीष भंडारी, मेहता थोक से महेंद्र सिंह मेहता और दिनेश भट्ट, कमदी थोक से कुलभूषण पंवार शामिल रहे।


  • केदारनाथ धाम – 23 अक्टूबर (भैया दूज)
  • यमुनोत्री धाम – 23 अक्टूबर (भैया दूज)
  • गंगोत्री धाम – 22 अक्टूबर (अन्नकूट गोवर्धन पूजा)
  • मध्यमहेश्वर धाम – 18 नवंबर
  • तुंगनाथ धाम – 6 नवंबर


बदरीनाथ धाम का महत्व

बदरीनाथ धाम चार धामों में से एक प्रमुख धाम है। इसे 'नारायण का निवास' कहा जाता है और यहां शीतकाल में भगवान बदरीनाथ की पूजा जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर में होती है। यात्रियों का कहना है कि कपाट बंद होने से पहले भगवान के दर्शन करना उनके लिए जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है।