×

बीरभूम में ऊंटनी के दूध की चाय: अनोखी चाय का सफर

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में ऊंटनी के दूध से बनी चाय ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। इस अनोखी चाय की दुकान पर लोग दूर-दूर से आते हैं। वरुण राय, जो इस चाय के विक्रेता हैं, ने बताया कि वह ऊंटनी का दूध ऑनलाइन मंगाते हैं और इसे 50 रुपये प्रति कप बेचते हैं। जानें इस चाय की खासियत और इसके स्वास्थ्य लाभ के बारे में।
 

बीरभूम का अनोखा चाय अनुभव

पश्चिम बंगाल का बीरभूम जिला हाल ही में चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां पर चाय की एक अनोखी किस्म, ऊंटनी के दूध से बनी चाय, उपलब्ध है। यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि इस छोटे से शहर में ऊंटनी के दूध की चाय कैसे लोकप्रिय हो गई।


हालांकि बीरभूम में ऊंट नहीं हैं, लेकिन ऊंटनी के दूध से बनी चाय की दुकानें लोगों को आकर्षित कर रही हैं। अमोदपुर क्षेत्र में, जो बोलपुर की ओर जाने वाले मार्ग पर स्थित है, एक्सप्रेस फूड जंक्शन नामक एक दुकान है, जहां वरुण राय इस विशेष चाय की बिक्री करते हैं।


वरुण का कहना है कि वह हमेशा कुछ नया करना चाहते थे, और इसी सोच ने उन्हें ऊंटनी के दूध वाली चाय बेचने वाला बना दिया। उनके ग्राहक केवल कोलकाता से ही नहीं, बल्कि राज्य के अन्य हिस्सों से भी आते हैं। रामपुरहाट में स्थित मां तारा की शक्तिपीठ के दर्शन करने वाले श्रद्धालु अक्सर उनकी दुकान पर रुकते हैं।


ऊंटनी के दूध की चाय की विशेषताएं


वरुण ने बताया कि वह ऊंटनी का दूध ऑनलाइन मंगाते हैं, जिसकी कीमत प्रति किलो 4,500 रुपये है। वह इस दूध से बनी चाय को 50 रुपये प्रति कप बेचते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बांग्लादेश और दुबई में इस चाय की कीमत 400 रुपये प्रति कप है।


भारत में लोग चाय के लिए इतनी कीमत देने में हिचकिचाते हैं, इसलिए वरुण ने ऊंटनी के दूध की चाय की कीमत 50 रुपये रखी है। उनका मानना है कि गाय के दूध की चाय की तुलना में ऊंटनी के दूध की चाय अधिक फायदेमंद है। यह चाय कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए भी उपयुक्त है और बच्चों की लंबाई बढ़ाने में मददगार साबित होती है।