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भगवान विश्वकर्मा: निर्माण और सृजन के देवता की महिमा

भगवान विश्वकर्मा, जिन्हें निर्माण और सृजन का देवता माना जाता है, की पूजा भाद्रपद मास की सूर्यकन्या संक्रांति पर की जाती है। इस दिन कारीगर और श्रमिक अपने औजारों की पूजा करते हैं। विश्वकर्मा जयंती का महत्व भारतीय संस्कृति में गहरा है, और इसे कई राज्यों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई विश्वकर्मा योजना कारीगरों को सहायता प्रदान करती है। इस लेख में भगवान विश्वकर्मा की महिमा और उनकी पूजा के महत्व के बारे में विस्तार से जानें।
 

भगवान विश्वकर्मा का महत्व

भगवान विश्वकर्मा को निर्माण और सृजन का देवता माना जाता है। हिंदू धर्म में इन्हें सृष्टि के दिव्य शिल्पकार और पहले इंजीनियर के रूप में पूजा जाता है। विश्वकर्मा रचनात्मकता, तकनीकी कौशल और नवाचार के प्रतीक हैं। उनके सम्मान में भाद्रपद मास की सूर्यकन्या संक्रांति पर विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है। यह वह दिन है जब सूर्य सिंह राशि से कन्या राशि में प्रवेश करता है। इस दिन मजदूर, कारीगर, इंजीनियर, आर्किटेक्ट और उद्योगपति अपने औजारों और मशीनों की पूजा करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चार युगों में विश्वकर्मा जी ने कई नगर और भवनों का निर्माण किया था।


विश्वकर्मा पूजा का महत्व

विश्वकर्मा पूजा एक ऐसा त्योहार है जहां शिल्पकार, कारीगर और श्रमिक भगवान विश्वकर्मा का त्यौहार मनाते हैं। कहा जाता है कि भगवान ब्रह्मा के पुत्र विश्वकर्मा ने पूरे ब्रह्मांड का निर्माण किया था। विश्वकर्मा को देवताओं के महलों का वास्तुकार भी कहा जाता है। विश्वकर्मा नाम दो शब्दों 'विश्व' (संसार) और 'कर्म' (निर्माता) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है दुनिया का निर्माण करने वाला।


विश्वकर्मा के शिल्प कौशल

विश्वकर्मा शिल्पशास्त्र के आविष्कारक और ज्ञाता माने जाते हैं। उन्होंने विश्व के प्राचीनतम तकनीकी ग्रंथों की रचना की, जिसमें भवन वास्तु विद्या, रथों के निर्माण और विभिन्न रत्नों के प्रभाव का विवरण है। माना जाता है कि उन्होंने देवताओं के विमानों की रचना की थी। भगवान विश्वकर्मा की उत्पत्ति ऋग्वेद में हुई है, जिसमें उन्हें ब्रह्मांड के निर्माता के रूप में वर्णित किया गया है।


विश्वकर्मा जयंती का उत्सव

विश्वकर्मा जयंती का औद्योगिक जगत और भारतीय कलाकारों, मजदूरों, इंजीनियर्स आदि के लिए खास महत्व है। यह त्योहार भारत के कई राज्यों जैसे जम्मू कश्मीर, पंजाब, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, असम, ओडिशा, त्रिपुरा, बिहार और झारखंड में मनाया जाता है। नेपाल में भी इसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।


प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2023 को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की, जिसमें कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना में 18 व्यवसायों के कारीगर शामिल हैं, जैसे बढ़ई, नाव निर्माता, लोहार, मूर्तिकार आदि।