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मासिक शिवरात्रि: पूजा विधि और शुभ मुहूर्त की जानकारी

मासिक शिवरात्रि हर महीने भगवान शिव की पूजा का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन भक्तिभाव से महादेव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। अगहन माह की मासिक शिवरात्रि 18 नवंबर को मनाई जाएगी, जिसमें विशेष मुहूर्त और शुभ योग का संयोग है। जानें इस दिन की पूजा विधि और शुभ समय के बारे में विस्तार से।
 

महादेव और मां पार्वती की पूजा का महत्व


हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि भगवान शिव को समर्पित होती है, जिसे मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भक्तिभाव से महादेव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। इस अवसर पर व्रत रखने से साधक की इच्छाएं शीघ्र पूरी होती हैं और सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। आइए, अगहन माह की मासिक शिवरात्रि की तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में जानते हैं।


अगहन शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, अगहन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 18 नवंबर को सुबह 07:12 बजे प्रारंभ होगी और 19 नवंबर को सुबह 09:43 बजे समाप्त होगी। मासिक शिवरात्रि की पूजा निशा काल में की जाती है, जिसके लिए 18 नवंबर को रात 11:42 बजे से 12:36 बजे तक का समय विशेष है।


अगहन शिवरात्रि का शुभ योग

ज्योतिषियों के अनुसार, अगहन शिवरात्रि पर आयुष्मान और सौभाग्य योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त और स्वाति नक्षत्र का योग भी है। इस समय भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक को अक्ष फल की प्राप्ति होती है।


पंचांग विवरण


  • सूर्योदय: सुबह 06:49 बजे

  • सूर्यास्त: शाम 06:28 बजे

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:02 से 05:56 बजे तक

  • विजय मुहूर्त: दोपहर 01:55 से 02:38 बजे तक

  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:28 से 05:55 बजे तक

  • निशिता मुहूर्त: रात 11:42 से 12:36 बजे तक