योगिनी एकादशी 2025: जानें शुभ मुहूर्त और व्रत के नियम
योगिनी एकादशी का महत्व
योगिनी एकादशी: आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है और इसे भक्तों के लिए पवित्र और फलदायक माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है, साथ ही मन की इच्छाएं भी पूरी होती हैं। वैष्णव समुदाय के अनुसार, यह एकादशी आत्मा की शुद्धि और अच्छे कर्मों का फल प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस व्रत के माध्यम से पापों से मुक्ति मिलती है और भगवान की कृपा प्राप्त होती है।
योगिनी एकादशी के शुभ मुहूर्त
द्रिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के शुभ मुहूर्त निम्नलिखित हैं:
- ब्रह्म मुहूर्त: 04:04 AM से 04:44 AM
- प्रातः सन्ध्या: 04:24 AM से 05:24 AM
- अभिजित मुहूर्त: 11:55 AM से 12:51 PM
- अमृत काल: 01:12 PM से 02:41 PM
- विजय मुहूर्त: 02:43 PM से 03:39 PM
- गोधूलि मुहूर्त: 07:21 PM से 07:41 PM
- सायाह्न सन्ध्या: 07:22 PM से 08:22 PM
- निशिता मुहूर्त: 12:03 AM, जून 22 से 12:43 AM, जून 22
योगिनी एकादशी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए अभिजीत और गोधूलि मुहूर्त को श्रेष्ठ माना जाता है।
योगिनी एकादशी पारण टाइम
ज्योतिषाचार्य हर्षवर्धन शांडिल्य के अनुसार, एकादशी का व्रत रखना महत्वपूर्ण है, लेकिन इसका पारण समय भी उतना ही महत्वपूर्ण है। द्रिक पंचांग के अनुसार, योगिनी एकादशी व्रत का पारण टाइम इस प्रकार है:
- योगिनी एकादशी व्रत पारण मुहूर्त: 22 जून को 01:47 PM से 04:35 PM
- पारण तिथि 22 जून के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय: 09:41 AM
योगिनी एकादशी के दिन न करें ये काम
योगिनी एकादशी को पवित्र दिन माना जाता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है। लेकिन कुछ नियमों का पालन न करने पर व्रत का फल नहीं मिलता। आइए जानते हैं, इस दिन किन 5 कामों से बचना चाहिए:
- इस दिन चावल, मांस, मछली, अंडा, मसूर दाल, लहसुन, प्याज, शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
- झगड़ा, गुस्सा या दूसरों की बुराई नहीं करनी चाहिए।
- काले कपड़े पहनने से बचें और झूठ बोलने से भी दूर रहें।
- तुलसी के पत्ते तोड़ना मना है, इसलिए न तोड़ें।
- देर तक सोने से बचें।