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रक्षा बंधन 2025: भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने का पर्व

रक्षा बंधन 2025 एक महत्वपूर्ण पर्व है जो भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत बनाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और उनके लिए सुख-शांति की कामना करती हैं। जानें इस खास दिन पर चंद्रदेव की पूजा, राखी का शुद्धिकरण और बुरी नजर से मुक्ति के उपाय। साथ ही, भगवान शिव की पूजा का महत्व भी जानें।
 

रक्षा बंधन का महत्व

रक्षा बंधन, भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक है। इस खास दिन, बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं, साथ ही उनके दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना करती हैं। इसके बदले में, भाई अपनी बहनों की सुरक्षा का वचन देते हैं और उन्हें आशीर्वाद प्रदान करते हैं। यह पर्व सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जिसे राखी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से भाइयों को जीवन में सफलता और परेशानियों से मुक्ति मिलती है।


चंद्रदेव की पूजा

रक्षा बंधन पूर्णिमा के दिन चंद्रदेव की पूजा करने से जीवन में सुख और शांति बनी रहती है।


राखी का शुद्धिकरण

राखी बांधने से पहले उसे गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए। इसके बाद, उसे अपने इष्ट देवता के चरणों में रखकर अपने भाई की कलाई पर बांधें। इससे आपके भाई के जीवन में खुशियों का संचार होगा।


बुरी नजर से मुक्ति

बुरी नजर से बचना आवश्यक है। इसके लिए एक फिटकरी लें और उसे अपने भाई के सिर के चारों ओर 7 बार घुमाएं। फिर उस फिटकरी को किसी चौराहे पर फेंक दें। इससे बुरी नजर का प्रभाव कम होता है।


भगवान शिव की पूजा

रक्षा बंधन के दिन सावन का आखिरी दिन और श्रावण सोमवार का अंतिम व्रत भी होता है। इस अवसर पर बहनों को अपने भाइयों की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।