रक्षाबंधन 2025: भद्राकाल के बिना मनाने का खास अवसर
इस वर्ष रक्षाबंधन का पर्व 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा, जिसमें भद्राकाल का प्रभाव नहीं होगा। ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास के अनुसार, बहनें पूरे दिन अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकती हैं। इस बार कई शुभ योग भी बन रहे हैं, जो इस पर्व को और भी खास बनाते हैं। जानें रक्षाबंधन का महत्व, शुभ मुहूर्त और राखी बांधने का सही तरीका।
Aug 6, 2025, 18:24 IST
रक्षाबंधन का विशेष महत्व
इस वर्ष रक्षाबंधन का पर्व 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा, जो विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस दिन राखी बांधने के लिए शुभ समय उपलब्ध रहेगा, क्योंकि भद्राकाल का प्रभाव नहीं होगा। आमतौर पर पूर्णिमा के दिन भद्रा होती है, जिससे शुभ कार्य करने में बाधा आती है। पिछले तीन वर्षों में बहनों को राखी बांधने के लिए रात तक इंतजार करना पड़ा था। लेकिन इस बार भद्रा 8 और 9 अगस्त की मध्यरात्रि के बाद समाप्त हो जाएगी, जिससे 9 अगस्त को पूरे दिन राखी बांधने का शुभ अवसर मिलेगा। ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास के अनुसार, रक्षाबंधन इस बार शनिवार को है, और बहनें सुबह से शाम तक अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकती हैं।
भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहनें भाई को तिलक करके उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं, जबकि भाई भी बहन के सुख-दुख में साथ रहने का वादा करता है। यह त्योहार प्राचीन काल से मनाया जा रहा है। पिछले 2-3 वर्षों में भद्रा के कारण राखी बांधने में देरी होती रही, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। रक्षाबंधन श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाता है, और इस बार भद्रा का साया नहीं रहेगा।
भद्रा का समय
भद्रा का प्रभाव नहीं रहेगा
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि रक्षाबंधन के दौरान भद्रा काल 08 अगस्त 2025 को दोपहर 02:12 बजे से शुरू होगा और 08 अगस्त को मध्य रात्रि 01:52 बजे समाप्त होगा। इसका मतलब है कि रक्षाबंधन के दिन भद्रा सूर्योदय से पहले खत्म हो जाएगी, जिससे बहनें बिना चिंता के राखी बांध सकती हैं।
रक्षाबंधन की तिथि
रक्षाबंधन की तिथि
रक्षाबंधन 9 अगस्त को मनाया जाएगा। श्रावण पूर्णिमा 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे से शुरू होगी और अगले दिन 9 अगस्त को दोपहर 1:21 बजे तक रहेगी। इस प्रकार, उदया तिथि के अनुसार रक्षाबंधन शनिवार 9 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन भद्रा का साया नहीं होगा, जिससे पूरा दिन शुभ रहेगा।
शुभ मुहूर्त
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त
शुभ चौघड़िया प्रातः 07:35 से 09:15 तक रहेगा। इसके अलावा, चर-लाभ-अमृत का चौघड़िया दोपहर 12:32 से शाम 05:26 तक और अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:08 से 12:56 तक रहेगा।
विशेष योग
शुभ योग में रक्षाबंधन
इस वर्ष रक्षाबंधन पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जैसे सौभाग्य योग, शोभन योग, और सर्वार्थ सिद्धि योग। श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र का दुर्लभ संयोग भी बन रहा है, जो इस पर्व को और भी फलदायी बनाएगा।
ग्रहों की स्थिति
ग्रहों का योग
इस बार रक्षाबंधन पर 297 साल बाद एक दुर्लभ योग बन रहा है। इस दिन सूर्य कर्क राशि में, चंद्रमा मकर में, मंगल कन्या में, बुध कर्क में, गुरु और शुक्र मिथुन में, राहु कुंभ में और केतु सिंह राशि में रहेगा। ऐसा संयोग 1728 में बना था।
राखी बांधने का सही तरीका
राखी बांधने का सही तरीका
राखी बांधते समय भाई का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। बहनों को पूजा की थाली में चावल, रौली, राखी, दीपक आदि रखना चाहिए। इसके बाद बहन को भाई के अनामिका अंगुली से तिलक करना चाहिए। तिलक के बाद भाई के माथे पर अक्षत लगाएं। इसके बाद भाई की आरती उतारनी चाहिए और उसके जीवन की मंगल कामना करनी चाहिए।