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रक्षाबंधन 2025: भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने के उपाय

रक्षाबंधन 2025 का पर्व भाई-बहन के रिश्ते का उत्सव है, जिसमें स्नेह और सुरक्षा का वचन दिया जाता है। इस लेख में जानें राखी बांधने के समय ध्यान देने योग्य विशेष बातें, मंत्रों का जाप और इस पर्व का महत्व। साथ ही, जानें 2025 में रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त कब है।
 

रक्षाबंधन का महत्व और विशेषताएँ

रक्षाबंधन का त्योहार हर साल भाई-बहन के रिश्ते को मनाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह केवल एक धागा बांधने की परंपरा नहीं है, बल्कि यह स्नेह, विश्वास और एक-दूसरे की रक्षा का वचन देने का पर्व है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों की सुरक्षा का संकल्प लेते हैं। यह पर्व भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसे पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है।


क्या आप जानते हैं कि राखी बांधते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखने से इस बंधन में और भी गहराई आ सकती है? ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुछ उपायों को अपनाने से भाई-बहन का रिश्ता और मजबूत होता है, साथ ही भाई के जीवन में सुख और सफलता के द्वार भी खुलते हैं।


रक्षाबंधन पर ध्यान देने योग्य बातें

रक्षाबंधन के दिन राखी बांधते समय कुछ सरल लेकिन महत्वपूर्ण नियमों का पालन करने से इस पर्व की शुभता बढ़ जाती है। आइए जानते हैं वे कौन सी बातें हैं, जिनका ध्यान रखना आवश्यक है:


सही दिशा में राखी बांधें


जब बहन अपने भाई को राखी बांधे, तो दिशा का ध्यान रखना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार, भाई का मुख हमेशा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए, जबकि बहन का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना शुभ माना जाता है। पूर्व दिशा सूर्य देव की दिशा है, जो ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक है। इस दिशा में मुख करके राखी बांधने से भाई के जीवन में सूर्य देव का आशीर्वाद मिलता है, जिससे उसे हर कार्य में सफलता मिलती है।


देवी-देवताओं का आह्वान करें


राखी बांधने से पहले कुछ विशेष देवी-देवताओं का आह्वान करना शुभ होता है। भगवान गणेश का स्मरण करना चाहिए, क्योंकि वे सभी विघ्नों को दूर करते हैं। इसके बाद हनुमान जी और भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए। इनका आशीर्वाद लेने से राखी का बंधन मजबूत होता है और भाई को हर मुश्किल से लड़ने की शक्ति मिलती है।


मंत्रों का जाप करें


राखी बांधते समय कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना भी महत्वपूर्ण है। प्रमुख मंत्र है: "येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामभिबध्नामि, रक्षे मा चल मा चल।।" इस मंत्र का जाप करने से भाई की हर प्रकार के भय और नकारात्मकता से रक्षा होती है।


रक्षाबंधन का महत्व

रक्षाबंधन केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह भाई-बहन के आपसी प्रेम और कर्तव्य का प्रतीक है। यह हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं। यह पर्व पारिवारिक मूल्यों और संबंधों की मजबूती को दर्शाता है।


रक्षाबंधन 2025 का शुभ मुहूर्त

2025 में रक्षाबंधन का पर्व 9 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन भद्रा काल का साया नहीं रहेगा, जिससे यह पर्व और भी शुभ हो जाएगा। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 9 अगस्त को सुबह 5:47 बजे से शुरू होकर दोपहर 1:24 बजे तक रहेगा।