रक्षाबंधन 2025: संस्कृत में शुभकामनाएं और श्लोक
रक्षाबंधन 2025 का पर्व
रक्षाबंधन 2025 का उत्सव पूरे देश में उत्साह और खुशी के साथ मनाया जा रहा है। यह दिन भाई-बहन के रिश्ते की विशेष पहचान है, जब दोनों एक-दूसरे के प्रति अपने प्रेम और सुरक्षा के वादों को नवीनीकरण करते हैं।
रक्षाबंधन का दिन
आज, 9 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर यह पर्व मनाया जा रहा है। हर साल इस दिन बहनें अपने भाइयों को राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं, और भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं।
संस्कृत में रक्षाबंधन के उद्धरण
अप्रतिम एष संबन्धः।
अर्थ- यह बंधन (रिश्ता) बेजोड़ है।
बन्धुः स्नेहेन मनो बध्नाति यः।
अर्थ- जो मन को स्नेह से बांधे वह भाई।
रक्षाबंधन: न कदापि खण्डितः।
अर्थ- रक्षाबंधन: (एक रिश्ता) कभी न टूटने वाला।
अस्य बन्धनस्य रक्षणं कुरु।
अर्थ- हे ईश्वर! कृपया हमारे भाई-बहन के बंधन की रक्षा करें।
दूरी में भी प्यार
राखी के इस पावन अवसर पर कई भाई ऐसे भी हैं जो किसी कारणवश अपनी बहन के पास नहीं पहुंच पाए। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उनके प्यार में कोई कमी आए।
ऐसे भाइयों के लिए हम संस्कृत में रक्षाबंधन की शुभकामनाएं, मंत्र और श्लोक प्रस्तुत कर रहे हैं, जिन्हें भेजकर आप दूर रहकर भी अपने प्यार का अहसास करा सकते हैं।
संस्कृत में शुभकामनाएं
संस्कृत भाषा न केवल प्राचीन है, बल्कि यह रिश्तों में गहराई और भावनात्मक जुड़ाव लाने में भी सक्षम है। इस रक्षाबंधन, बहन को भेजिए संस्कृत के ये विशेष उद्धरण, श्लोक और शुभकामनाएं, जो आपके स्नेह को और भी पवित्र बनाएंगे।
रक्षाबंधन के श्लोक
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
(जिस रक्षासूत्र से महान राजा बलि को बांधा गया था, उसी सूत्र से मैं तुम्हें बांधता हूं, यह रक्षा कभी न छूटे।)
स्नेहबन्धनमखिलं रक्षाबन्धनमस्तु ते। आयुष्यमारोग्यमयं सौख्यं च तव भूयात्।
(रक्षा का यह बंधन तुम्हारे जीवन में स्नेह, दीर्घायु, स्वास्थ्य और सुख लाए।)
रक्षाबंधन की शुभकामनाएं
हे ईश्वर! अस्य बन्धनस्य रक्षणं कुरु।
अर्थ- हे प्रभु..हमारे बंधन की रक्षा करना।
भगिनी ईश्वराय प्रार्थनां करोति यत्, मम भ्रातुः रक्षणं करोतु।
रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं।