रक्षाबंधन पर ईश्वर को राखी बांधने का महत्व और शुभ मुहूर्त
रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है, जो इस साल 9 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन सबसे पहले ईश्वर को राखी बांधने की परंपरा है, जिससे हर संकट से रक्षा होती है। ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार, इस दिन गणेश जी, हनुमान जी, महादेव और श्री कृष्ण को राखी बांधना विशेष फलदायी होता है। इसके अलावा, गुरु, सैनिक और पेड़-पौधों को भी राखी बांधकर आभार प्रकट करने की परंपरा है। जानें इस साल का शुभ मुहूर्त और रक्षाबंधन से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें।
Aug 8, 2025, 12:03 IST
रक्षाबंधन का महत्व
रक्षाबंधन के अवसर पर सबसे पहले राखी ईश्वर को बांधने की परंपरा है। ऐसा करने से ईश्वर हर संकट से रक्षा करते हैं। घर के पुरुष और महिलाएं दोनों ही ईश्वर को राखी बांध सकते हैं। कई परिवारों में सावन पूर्णिमा के दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप लड्डूगोपाल को राखी बांधी जाती है। यह त्योहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है और इस साल यह 9 अगस्त को मनाया जाएगा।
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार, रक्षाबंधन 9 अगस्त को मनाया जाएगा। श्रावण पूर्णिमा का पर्व सावन के महीने के अंतिम दिन आता है। इस बार श्रावण पूर्णिमा 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे से शुरू होगी और 9 अगस्त को दोपहर 1:21 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, रक्षाबंधन का पर्व 9 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन भद्रा का साया नहीं होगा, जिससे यह दिन शुद्ध माना जाएगा।
गणेश जी को राखी
भविष्यवक्ता डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि रक्षाबंधन के दौरान सबसे पहले गणेश जी को राखी बांधना चाहिए। ऐसा करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं।
हनुमान जी का महत्व
डॉ. व्यास ने बताया कि हनुमान जी को राखी बांधना भी बहुत फलदायी माना जाता है। जिन बहनों को अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने का अवसर नहीं मिलता, वे हनुमान जी को राखी बांध सकती हैं।
महादेव को राखी
रक्षाबंधन के अवसर पर कई भक्त महादेव को राखी चढ़ाते हैं। ऐसा करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं और भक्त को सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
भगवान श्री कृष्ण
इस दिन कई बहनें भगवान श्री कृष्ण को अपना भाई मानकर राखी बांधती हैं। श्रद्धा से ऐसा करने पर श्री कृष्ण भक्तों की रक्षा करते हैं।
गुरु और शिक्षक
गुरु और शिक्षक का जीवन में महत्वपूर्ण स्थान होता है। इसलिए इस दिन अपने गुरुजनों को राखी बांधकर उनका आभार प्रकट करना चाहिए।
सैनिकों को राखी
सैनिकों को रक्षाबंधन पर राखी बांधना भी एक महत्वपूर्ण परंपरा है। महिलाएं यदि सीमा पर जाकर सैनिकों को राखी बांधें, तो यह उन्हें बहुत अच्छा लगेगा।
पेड़-पौधों की पूजा
डॉ. व्यास ने बताया कि पेड़-पौधों में भी प्राण होते हैं। रक्षाबंधन पर पेड़-पौधों को राखी बांधकर उनका आभार जताना चाहिए।
यजमान को राखी
यजमान और पुरोहित का संबंध गहरा होता है। रक्षाबंधन पर पुरोहित अपने यजमान को राखी बांधते थे, इसलिए इस परंपरा को आगे बढ़ाना चाहिए।
रक्षाबंधन पर ध्यान देने योग्य बातें
इस दिन बहनों को सुबह स्नान करने के बाद भगवान को सुंदर राखियां चढ़ानी चाहिए। फिर माथे पर कुमकुम और चावल लगाकर राखी बांधें और भगवान से रक्षा की प्रार्थना करें।